शिमला:सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में 6 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर हिमाचल में जुबानी जंग छिड़ी हुई है. भाजपा इसको फिजूलखर्ची करने दे रही है. पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी इसको लेकर कांग्रेस को घेरा है. जिसके बाद कांग्रेस की सरकार इसके बचाव में आ गई है. कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री के आरोप भी गैर-जिम्मेदाराना हैं. (Jairam Thakur statement on 6 CPS in Himachal) (Anirudh Singh and Vikramaditya Singh on Jairam)
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को याद दिलाते हुए कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में विभिन्न बोर्डों एवं निगमों में अध्यक्ष और उपाध्यक्षों की बड़े स्तर पर नियुक्तियां की गई थीं. उन्होंने कहा कि सभी हारे और नकारे हुए दूसरी पंक्ति के नेताओं को उस समय अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाकर मलाईदार पदों पर सुशोभित किया गया था. अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य में आय के साधनों का सृजन कर और फिजूल खर्च में कटौती कर प्रदेश की खराब और बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाना सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
मंत्रियों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी मामले में बोलने का अधिकार नहीं है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी पर ध्यान केंद्रित करने का परामर्श दिया, क्योंकि कांग्रेस एक जिम्मेदार और अनुभवी पार्टी है और राज्य के लोगों के हित और कल्याण में दक्षता से कार्य करना भलीभांति जानती है.
मंत्रिमंडल में शामिल सदस्यों पर बोलने का कोई अधिकार नहीं-दोनों कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का गठन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ही किया गया है और उचित समय पर कांगड़ा और अन्य जिलों को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार पिछली भाजपा सरकार की तरह प्रतिशोध और भेदभाव की राजनीति का सहारा नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के उद्देश्य से अनेक निर्णय लिए थे. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को धैर्य रखने और राज्य के लोगों के जनादेश का सम्मान करने का परामर्श दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों ने मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार पर पूरा विश्वास जताया है.