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अब हिमाचल में 2 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव की सरगर्मियां, चर्चा में ये नाम

उपचुनाव को लेकर जहां भाजपा जीत के लिए आश्वस्त दिख रही है वहीं कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा चुनाव में परिस्थितयां अलग हैं और भाजपा को पहले जनता से किए गए वादों को पूरा करने की ओर ध्यान देना चाहिए.

किशन कपूर और सुरेश कश्यप (फाइल)

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Published : May 29, 2019, 8:52 PM IST

शिमला: लोकसभा चुनाव के बाद अब हिमाचल में उपचुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पार्टियों से जोड़-तोड़ शुरू हो गया है. लोकसभा चुनाव जीतकर हिमाचल के दो विधायक संसद पहुंच गए हैं. धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से किशन कपूर और पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से सुरेश कश्यप लोकसभा चुनाव जीत गए हैं और इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में अब उपचुनाव होने हैं.

किशन कपूर और सुरेश कश्यप (फाइल)

उपचुनाव को लेकर जहां भाजपा जीत के लिए आश्वस्त दिख रही है वहीं कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा चुनाव में परिस्थितयां अलग हैं और भाजपा को पहले जनता से किए गए वादों को पूरा करने की ओर ध्यान देना चाहिए.

किशन कपूर के लोकसभा चुनाव जीतने का बाद धर्मशाला में उपचुनाव होना है. इस सीट पर भाजपा की ओर से नया चेहरा उतरना तय है तो वहीं कांग्रेस से पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा का नाम आगे चल रहा है. भाजपा से उपचुनाव में उमेश दत्त का नाम चर्चाओं में है. उमेश दत्त का नाम पिछले विधानसभा चुनाव में भी खूब जोर शोर से उछाला गया था, लेकिन अंतिम समय में किशन कपूर को टिकट दी गई. इसके साथ ही भाजपा के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी राकेश शर्मा, सचिन शर्मा और विशाल नेहरिया के नामों पर भी भाजपा विचार कर सकती है.

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धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की बात की जाए तो पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा का नाम सबसे आगे चल रहा है. का आता है. सुधीर शर्मा यदि चुनाव न लड़ने की इच्छा जाहिर करते है तो कांग्रेसी खेमे को सोच विचार करने की जरूरत पड़ सकती है. सुधीर शर्मा के बाद यदि दूसरा नाम आता है तो वो नाम है नगरनिगम धर्मशाला के मेयर दवेंद्र जगी का.

पच्छाद से बीजेपी के विधायक सुरेश कश्यप शिमला सीट से लोकसभा चुनाव जीतकर दिल्ली पहुंच चुके हैं. कांग्रेस व भाजपा में टिकट को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. कांग्रेस की स्थिति जहां लगभग साफ दिख रही हैं, तो बीजेपी में टिकट के चाहवानों की फेहरिस्त लंबी है. ऐसे में बीजेपी में फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है.

बात यदि कांग्रेस की करें, तो यहां पार्टी पच्छाद कांग्रेस के दिग्गज नेता गंगूराम मुसाफिर पर भी दांव खेल सकती है. यदि किन्हीं कारणों से मुसाफिर चुनावी मैदान में नहीं उतरते हैं, तो यहां कांग्रेस के पास दूसरा चेहरा नगर पंचायत राजगढ़ के पूर्व अध्यक्ष दिनेश आर्य का है.

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वहीं, पच्छाद से भाजपा की बात करें तो यहां से भाजपा में टिकट के चाहवानों की सूची लंबी है. पिछले दो बार के विधानसभा चुनाव में पच्छाद में भाजपा भगवा लहराने में कामयाब रही है, तो पार्टी यहां से एक बार फिर मजबूत उम्मीदवार मैदान में उताकर इस सीट पर दोबारा अपना कब्जा जमाने की कोशिश करेगी. पच्छाद विधानसभा क्षेत्र आरक्षित है, लिहाजा यहां सुरेश कश्यप के बाद पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष दयाल प्यारी का नाम जोरों पर चल रहा था, लेकिन स्थानीय भाजपा नेता व कार्यकर्ता यहां से दयाल प्यारी को टिकट देने के खिलाफ है. चूंकि इस लोकसभा चुनाव के दौरान महिला नेत्री के साथ बदस्लुकी को लेकर बवाल मचा हुआ है. ऐसे में दयाल प्यारी की राह में कांटे बिछ चुके हैं.

वहीं, भाजपा में टिकट के चाहवानों में राजेश तोमर, सांसद सुरेश कश्यप के जीजा सुरेंद्र चौहान, छात्र नेता आशीष सिकटा, कोटला बरोग से बलदेव कश्यप, पूर्व जिला परिषद सदस्य रीना कश्यप आदि के नाम भी चर्चाओं में चल रहे हैं.

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