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हलवा बंटते ही शुरू हुआ बजट का काम, 1 फरवरी को पेश होगा बहीखाता

हलवा रस्म के साथ बजट के दस्तावेजों की छपाई का काम तो शुरू हो गया है. भारतीय अर्थव्यस्था की मौजूदा रफ्तार पर नज़र डालें तो आर्थिक विकास दर बीते 6 साल के निचले स्तर पर आ गई है. जिसका असर अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र पर पड़ा है. ऐसे में देश के हर तबके को वित्त मंत्री के बजट के पिटारे से आस लगाए बैठा है.

Budget preparations begin with the pudding ceremony
हलवा बंटते ही शुरू हुआ बजट का काम

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Published : Jan 20, 2020, 2:40 PM IST

दिल्ली : 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट 2020-21की छपाई हलवा रस्म के साथ शुरू हो गई. सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नॉर्थ ब्लॉक में मंत्रालय के कर्मचारियों के बीच हलवा रस्म की. इस दौरान वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कर्मचारियों के साथ मिलकर हलवा खाया. इस रस्म के साथ ही बजट दस्तावेजों की छपाई की औपचारिक शुरूआत हो गई.

क्या होती है हलवा रस्म ?
हर साल आम बजट को अंतिम रूप देने से कुछ दिन पहले नॉर्थ ब्लॉक में स्थित वित्त मंत्रालय में हलवा रस्म होती है. इस रस्म के तहत एक बड़ी सी कढ़ाई में हलवा बनाया जाता है और वित्त मंत्री खास तौर पर इस हलवा रस्म में शिरकत करती हैं. बजट से पहले हलवा रस्म लंबे वक्त से चली आ रही है. हलवे को शुभ माना जाता है और शुभ काम के दौरान हलवा बनाने की परंपरा होती है. आम बजट को भी शुभ काम मानते हुए हर साल बजट से पहले ये हलवा रस्म होती है. हलवा रस्म के दौरान लोहे की कड़ाई में हलवा तैयार किया जाता है और वित्तमंत्री समेत वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों को हलवा परोसा जाता है.

वीडियो रिपोर्ट

बजट पेश होने तक 'कैद' में कर्मचारी
हलवा रस्म के साथ ही बजट के दस्तावेजों की छपाई का काम शुरू हो जाता है. बजट से जुड़ा हर दस्तावेज सीक्रेट होता है. ऐसे में बजट के दस्तावेजों की छपाई के दौरान मंत्रालय के चुनिंदा अधिकारी और कर्मचारी ही बजट की छपाई के दौरान मौजूद रहते हैं. बजट के सभी डॉक्युमेंट्स चुनिंदा अधिकारी ही तैयार करते हैं. इस प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले सभी कंप्यूटर्स को दूसरे नेटवर्क से डीलिंक कर दिया जाता है. इन तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों को हलवा रस्म के बाद बाहरी दुनिया से संपर्क नहीं रखना होता. कुल मिलाकर बजट पेश होने तक इन तमाम कर्मचारियों का अपने परिजनों से लेकर देश और दुनिया से कोई संपर्क नहीं होता ताकि बजट की गोपनीयता बरकरार रहे.

हलवे जैसा मीठा होगा बजट ?
भारतीय अर्थव्यस्था की मौजूदा रफ्तार पर नज़र डालें तो आर्थिक विकास दर बीते 6 साल के निचले स्तर पर आ गई है. जिसका असर अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र पर पड़ा है. ऐसे में देश के हर तबके को वित्त मंत्री के बजट के पिटारे से आस लगाए बैठा है. हलवा रस्म के साथ बजट के दस्तावेजों की छपाई का काम तो शुरू हो गया लेकिन सवाल है कि क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ये बजट आम जनता की जिंदगी में हलवे जैसी मिठास घोल पाएगा.

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