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BJP की अनिल शर्मा को नसीहत, मंत्री पद से इस्तीफा देकर निभाएं पिता का फर्ज

भाजपा महामंत्री चंद्रमोहन ठाकुर ने आश्रय शर्मा के बयान पर अनिल शर्मा को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि अनिल शर्मा मंत्री पद से इस्तीफा देकर पिता होने का फर्ज निभाएं.

चंद्रमोहन ठाकुर

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Published : Apr 3, 2019, 5:13 PM IST

शिमलाः भाजपा के महामंत्री चंद्रमोहन ठाकुर ने अनिल शर्मा को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि अनिल शर्मा को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. बता दें कि हाल ही में मंडी संसदीय क्षेत्र से अनिल शर्मा के पुत्र आश्रय शर्मा ने कहा था कि उनके पिता केवल उनके हैं भाजपा के नहीं हो सकते.

चंद्रमोहन ठाकुर

इस पर चंद्रमोहन ने कहा कि अनिल शर्मा को अपना स्टैंड क्लीयर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें पुत्र का साथ देना है या फिर भाजपा का जिसके सहारे वह विधायक हैं और मंत्रिमंडल में विराजमान हैं.

भाजपा के प्रदेश महामंत्री ने कहा कि अगर अनिल शर्मा भाजपा में बने रहना चाहते हैं तो उन्हें पार्टी के निर्देशानुसार मंडी विधानसभा श्रेत्र के साथ अन्य क्षेत्रों मे पार्टी के पक्ष में प्रचार के लिए उतरना होगा. क्योंकि पुत्र और पार्टी को लेकर उनके मन में दुविधा हो सकती है, लेकिन पार्टी को उन्हें लेकर कोई दुविधा नहीं है.

चंद्रमोहन ठाकुर ने कहा कि भाजपा एक सक्षम पार्टी है, किसी व्यक्ति विशेष के बजाय कार्यकर्ताओं के दम पर चुनाव लड़ती है. ऐसे में अगर किसी को यह लगता है कि उनके सहारे विधानसभा चुनाव में जीत मिली है तो यह सिर्फ उनकी गलत फहमी है.

भाजपा ने वर्ष 2007 के विधानसभा चुनावों में भी मंडी से 7 विधानसभा क्षेत्रों मे विजय हासिल की थी और पिछले लोकसभा चुनावों में मंडी संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के सत्ता में रहने और सत्ता के दुरुपयोग के बावजूद शानदार जीत हासिल की है. उन्होंने कहा कि इस बार तो नरेंद्र मोदी का नाम और सीएम जयराम ठाकुर मंडी लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस का वजूद खत्म कर देंगे.

चंद्रमोहन ठाकुर

भाजपा महामंत्री ने कहा कि पंडित सुखराम आया राम गया राम राजनीति की संस्कृति के प्रतीक बन चुके हैं. इस बात को न केवल प्रदेश की जनता, बल्कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम भी बार-बार कहते रहे हैं. पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह का पंडित सुखराम के बारे में यह बयान कि पंडित सुखराम को अपने परिवार के अतिरिक्त कुछ और नहीं दिखता है. पंडित सुखराम की राजनीति के सबसे शर्मनाक पहलु को उजागर करता है, लेकिन इस बार के चुनाव गंदी राजनीति के इस अध्याय को पूरी तरह समाप्त करने का मन बना चुके हैं.

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