हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

सदन में पास हुआ गाय नस्ल सुधार बिल, MLA सिंघा ने बताया कॉपी-पेस्ट - पशुपालन मत्री वीरेंद्र कंवर

गाय की नस्ल सुधार के लिए हिमाचल विधानसभा सदन में बिल पास हो गया है. नए बिल के अनुसार पशुपालकों को देसी बैलों का मिलावटी वीर्य उपलब्ध करवाने पर तीन साल तक का कठोर कारावास होगा. एक लाख से लेकर पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रवाधान भी किया गया है.

rakesh singha, virender kawar

By

Published : Feb 17, 2019, 3:13 PM IST

शिमला: प्रदेश में गाय की नस्ल सुधार के लिए विधानसभा सदन में बिल पास हो गया है. नए बिल के अनुसार पशुपालकों को देसी बैलों का मिलावटी वीर्य उपलब्ध करवाने पर तीन साल तक का कठोर कारावास होगा. एक लाख से लेकर पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रवाधान भी किया गया है.
विपक्ष के विरोध के बीच गायों की नस्ल सुधार का बिल सदन में पारित हो गया. इस विधेयक को का विरोध करते हुए विधायक जगत सिंह नेगी ने इसे फालतू का कानून बताया. नेगी ने कहा कि पहले से ही इस बारे में एक कानून बनाया जा चुका है. नए कानून में एक भी पैसे का प्रावधान नहीं है.

rakesh singha, virender kawar

वहीं, माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी इसमें आउटसोर्सिंग के प्रावधान का विरोध किया. उन्होंने इस बिल को कॉपी-पेस्ट ही करार दिया.
पशुपालन मत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि ये कानून इस बात को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है कि गायों की नस्ल नहीं बिगड़े. पशुपालक बाहर से स्वस्थ बैलों का वीर्य लाने के लिए स्वतंत्र होंगे, लेकिन इसकी गुणवत्ता की परख जरूरी होगी.
वहीं, विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि विधेयक में आउट्सोर्स से जो कर्मचारी लगाए जा रहे हैं. उन्हें बहुत कम पैसे दिए जाते हैं. ऐसे में कर्मी आंदोलन करने को मजबूर होते हैं. उन्होंने कहा कि गाय की रक्षा की बात ठीक है, हम भी इसके पक्ष में हैं.
विधायक सिंघा ने कहा कि किसानों पर बाहर से मर्जी से बैलों का सीमन मंगवाने पर प्रतिबंध नहीं होना चाहिए. दोनों विधायकों के इस विरोध के बीच मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बार-बार यही बात स्पष्ट की कि ये कानून गायों की नस्ल में सुधार के लिए बनाया जा रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details