शिमलाः यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर केंद्र सरकार की बैंक के निजीकरण की नीति के खिलाफ सोमवार और मंगलवार को बैंक कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल पर हैं. हड़ताल के कारण शहर के बैंक में कामकाज प्रभावित हो रहा है. बैंक कर्मी बुधवार को काम पर लौटेंगे.
बैंक कर्मियों की हड़ताल की वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को पैसे जमा करवाने, चेक क्लियर करवाने और ऋण लेने जैसी छोटी-छोटी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आवाहन पर केंद्र सरकार की बैंक के निजीकरण की नीति के खिलाफ आज देश के साथ पूरे प्रदेश में बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं. बैंक कर्मी विरोध जताने के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.
पढ़ें:हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग आज
सीटीओ चौक पर प्रदर्शन
शिमला की सीटीओ चौक पर बैंक कर्मियों ने प्रदर्शन किया. कर्मचारी यूनियन के नेताओं का कहना है कि बैंक निजीकरण से सभी सरकारी योजनाएं प्रभावित होंगी. लोगों की जमा पूंजी निजी हाथों में चली जायेगी. वे लोग जिनका बैंक में बड़ी मात्रा में एनपीए है, वे लोग ही इन बैंक को खरीदे लेंगे. इस तरह से देश का भारी नुकसान होगा.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के अध्यक्ष नरेंद्र चौहान और संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार बैंकों का निजीकरण चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कर रही है. सरकार की निजीकरण की नीति का असर आम लोगों पर पड़ेगा.
10 लाख बैंक कर्मी ले रहे हैंभाग
15 और 16 मार्च को बैंक कर्मियों की देशव्यापी हड़ताल में करीब 10 लाख बैंक कर्मी भाग ले रहे हैं. बैंक की हड़ताल से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. सप्ताह का पहला दिन होने के कारण दो दिन की छुट्टी के बाद जब लोग बैंक में गए, तो वहां ताला लगा रहा. इसके कारण लोग मायूस होकर घर जाने को मजबूर हो गए.
ये भी पढ़ें-पर्यटन के क्षेत्र में पिछड़ रहा है जिला किन्नौर, जानें वजह