शिमला: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार ने इस बार मंडियों में सेब वजन के हिसाब से बेचने को लेकर फैसला लिया है, साथ में सरकार ने अधिकतम 24 किलो की पैकिंग को मंडियों में बेचने की अनुमति दी है. बागवान प्रदेश सरकार के सेब की 24 किलो तक की पैकिंग की व्यवस्था से बागवान सहमत नहीं है. वे फिक्स पैकेज चाह रहे हैं, जिसके लिए यूनिवर्सल कार्टन सबसे बेहतर विकल्प है. हालांकि सरकार अभी तक इस कार्टन को लेकर कोई फैसला नहीं कर पाई है. ऐसे में अब बागवानों के पास एक मात्र विकल्प खुद ही इस कार्टन को इस्तेमाल करने का है. यही वजह है कि कई बागवान अबकी बार यूनिवर्सल कार्टन को इस्तेमाल करने की तैयारी में है. इसे देखते हुए फैक्ट्रियों ने भी यूनिवर्सल कार्टन तैयार करने शुरू कर दिए हैं. फैक्ट्रियां डिमांड के मुताबिक ही ये कार्टन उपलब्ध करवाएंगी.
24 KG सेब की पैकिंग को सही नहीं मान रहे बागवान: प्रदेश सरकार ने हालांकि वजन के मुताबिक सेब बेचने की बात कही है, लेकिन साथ में यह भी कहा है कि पेटियों में 24 किलो तक का सेब पैक किया जा सकता है. यानी कि बागवानों को 24 किलो तक सेब भरने पर अबकी बार मजबूर होना पड़ सकता है, जबकि कायदे से एक सामान्य पेटी में 20 किलो ही होना चाहिए, क्योंकि इसके मुताबिक ही बागवानों को रेट भी मिलते हैं. यही वजह है कि बागवान अबकी बार खुद ही यूनिवर्सल कार्टन को इस्तेमाल करने पर विचार कर रहे हैं. यही नहीं कई बागवानों ने कार्टन फैक्ट्रियों से इसके लिए संपर्क साध कर इन कार्टन को तैयार करने को कहा है.सरकार ने वजन के हिसाब से बेचने का फैसला तो किया है, लेकिन इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं की है. वहीं, वजन के हिसाब से सेब बेचना व्यवहारिक नहीं है, क्योंकि इसके लिए सरकार ने अपने स्तर पर यूनिवर्सल कार्टन लागू नहीं किया है.
क्या है यूनिवर्सल कार्टन. बागवानों की मांग यूनिवर्सल कार्टन: बागवान यूनिवर्सल कार्टन इसलिए चाह रहे हैं, क्योंकि इसमें फिक्स मात्रा में ही सेब भरा जा सकता है. इसकी पूरी पेटी में 20 किलो का सेब ही आता है और इसके हॉफ बाक्स में 10 किलो सेब ही भरा जा सकता है. दरअसल इसका डिजाइन ही इस तरह का होता है कि इससे ज्यादा इसमें भरा नहीं जा सकता. ऐसे में अगर बागवान इसका इस्तेमाल करते हैं तो उनको वजन कराने की जरूरत नहीं रहेगी. यह एक तरह की यूनिवर्सल पैकिंग होगी जिसमें 20 किलो सेब रहेगा. इसमें न तो बागवानों को सेब का वजन करने का झंझट रहेगा और न ही मंडियों में आढ़तियों को सेब का वजन करने की जरूरत पड़ेगी.
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टेलीस्कोपिक कार्टन में 35 किलो सेब:वहीं दूसरी ओर टेलीस्कोपिक कार्टन में आम तौर पर 25 किलो से अधिक ही सेब आता है. छोटे साइज का सेब तो 35 किलो तक भी बागवानों से आढ़तियों द्वारा भरवाया जा रहा है, जबकि रेट वहीं पेटी के हिसाब से मिलते हैं. फिर चाहे सेब की पेटी का वजन 25 किलो हो या 35 किलो हो. जिससे सेब बागवानों को काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है.
दो तरह के कार्टन से बागवानों को नुकसान: हालांकि बागवान अपने स्तर पर यूनिवर्सल कार्टन इस्तेमाल करने की बात कर रहे हैं, लेकिन टेलीस्कोपिक कार्टन भी मंडियों में रहेगा, क्योंकि सरकार ने टेलीस्कोपिक कार्टन बंद नहीं किया है. ऐसे में दो तरह के कार्टन होने से बागवानों को नुकसान हो सकता है. खरीददार टेलीस्कोपिक कार्टन में सेब खरीदने को तवज्जो दे सकते हैं, क्योंकि इसमें यूनिवर्सल कार्टन से ज्यादा ही सेब आएगा. इससे यूनिवर्सल कार्टन में सेब बेचने वालों को कम दाम मिलने की आशंका भी है.
यूनिवर्सल कार्टन को लेकर सेब बागवनों की मांग. 'टेलीस्कोपिक कार्टन स्टॉक का बहाना बना यूनिवर्सल कार्टन की अड़चन': संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा कि सरकार ने सेब की पैकिंग के लिए जो 24 किलो की लिमिट लगाई है, वह संभव नहीं है. ऐसे में यूनिवर्सल कार्टन ही इस समस्या का हल है. उन्होंने कहा कि जब भी हिमाचल में यूनिवर्सल कार्टन की बात आती है तो टेलीस्कोपिक कार्टन का स्टॉक बचे होने का बहाना बनाकर सरकार इससे पीछे हटती है. बागवानों की मांग पर साल 2011 यूनिवर्सल कार्टन लागू करने की पहल की गई, इसके बाद 2014 अध्यादेश लाया गया था. पिछली सरकार में भी यूनिवर्सल कार्टन लाने की पहल की गई थी, लेकिन हर बार सरकारें पहले से मौजूद टेलिस्कोपिक कार्टन का स्टॉक होने के नाम पर यूनिवर्सल कार्टन को लागू करने से बचती रहीं. इस बार भी सरकार के सामने पिछले कार्टन का स्टाक होना का बहाना है. उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार को अभी यह नोटिफिकेशन करना चाहिए कि अगले सीजन से केवल यूनिवर्सल कार्टन ही इस्तेमाल होगा. इससे स्टाक होने का बहाना यूनिवर्सल कार्टन लागू करने के रास्ते में नहीं आएगा.
'रिफॉर्म के लिए आगे आएं बागवान': हरीश चौहान ने कहा कि कई बागवान अपने स्तर पर आगे आकर यूनिवर्सल कार्टन का इस्तेमाल करेंगे जो कि अच्छी बात है. सभी बागवानों को यूनिवर्सल कार्टन लागू करने के इस रिफार्म के लिए आगे आना चाहिए. अगर हिमाचल में यूनिवर्सल कार्टन लागू होता है तो यह एक बहुत बड़ा रिफार्म होगा. उनका कहना है कि यूनिवर्सल कार्टन लागू करने के इस रिफार्म के लिए बागवानों को स्वयं आगे आना चाहिए. इसके साथ ही सरकार को इस साल नोटिफिकेशन जारी करनी चाहिए कि अगली साल से हिमाचल में केवल यूनिवर्सल कार्टन ही लागू होगा.
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