शिमला:लोकतंत्र में जनता को अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है. जनता को सबसे बड़ी वोट देने की ताकत मिली है. किसी भी नेता की जीत और हार के लिए एक-एक वोट की काफी अहमियत होती है, इसके बावजूद कई बार जनता अपने मत का सही से उपयोग करने में चूक जाती है. जिसकी वजह से कई आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार सांसद और विधायक बन जाते हैं. देश प्रदेश में जनप्रतिनिधियों पर आपराधिक मामले अक्सर चर्चा का विषय होता है. एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ हिमाचल में भी बड़ी संख्या में विधायकों पर आपराधिक केस दर्ज हैं.
ADR रिपोर्ट में विधायकों पर क्रिमिनल केस का जिक्र: एडीआर रिपोर्ट पर अगल नजर डाले तो हिमाचल में करीब 41 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मामले हैं. जबकि करीब 18 फीसदी विधायकों पर गंभीर आपराधिक केस हैं. एडीआर और इलेक्शन वॉच ने विधानसभा चुनावों के दौरान विधायकों के दिए शपथ पत्रों के विश्लेषण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है. हिमाचल में भी काफी संख्या में विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. एडीआर और इलेक्शन वॉच की एक रिपोर्ट यह बताती है. एडीआर और इलेक्शन वॉच ने 28 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के विधायकों द्वारा चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है. इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के 4001 विधायकों के शपथ पत्र का विश्लेषण करने के बाद यह रिपोर्ट जारी की गई है.
हिमाचल में 41 फीसदी विधायकों पर आपराधिक केस:एडीआर ने हिमाचल विधानसभा चुनाव-2022 के शपथ पत्रों का विश्लेषण में पाया है कि हिमाचल में 41 फीसदी विधायकों पर आपराधिक केस दर्ज हैं. प्रदेश में कुल 68 विधायकों में से 28 पर आपराधिक केस हैं. यही नहीं इनमें से 12 विधायकों यानी 18 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. पूरे देश की बात करें तो देश के विभिन्न राज्यों के 4001 विधायकों में से 1777 विधायकों यानी 44 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं 1136 विधायकों यानी 28 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.