हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

9 साल पहले नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपियों को 12-12 साल की सजा बरकरार, हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर लगाई मुहर - रामपुर में नाबालिग से रेप का मामला

एक नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में हाई कोर्ट ने आरोपियों को सुनाई गई 12-12 साल की सजा को बरकरार रखा है. कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत ने आरोपियों को जो सजा सुनाई है, उसमें किसी किस्म के फेरबदल की गुंजाइश नहीं है. क्या है पूरा मामला जानें...

Himachal High Court News
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट (फाइल फोटो).

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 23, 2023, 8:34 PM IST

शिमला:जिला शिमला के रामपुर इलाके में एक नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपियों को सुनाई गई 12-12 साल की सजा बरकरार रहेगी. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने कुलदीप कुमार व संजीत कुमार सहित सुनील नामक दरिंदों को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को बरकरार रखा है. अदालत ने कहा कि निचली अदालत ने आरोपियों को जो सजा सुनाई है, उसमें किसी किस्म के फेरबदल की गुंजाइश नहीं है. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की खंडपीठ ने सेशन जज किन्नौर की अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि निचली अदालत के फैसले में किसी तरह का फेरबदल की गुंजाइश नहीं है.

रामपुर में 14 साल की नाबालिग छात्रा का अपहरण कर उससे दुष्कर्म की वारदात सामने आई थी. अभियोजन पक्ष के मुताबिक वर्ष 2014 में पीड़िता नौवीं कक्षा में पढ़ती थी. नौंवी की छात्रा 3 जुलाई 2014 को स्कूल से वापिस आ रही थी तो सुनील कुमार ने उसे जबरदस्ती अपनी गाड़ी में बैठा दिया. सुनील कुमार की गाड़ी में पहले से ही कुलदीप और संजीत बैठे हुए थे. ये सभी लोग नाबालिग को जंगल में ले गए और वहां उससे दुष्कर्म किया. दूसरे दिन पीडि़त छात्रा ने सारी बात अपनी मां को बताई. शिकायत करने के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया और अदालत के समक्ष अभियोग चलाया. अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित करने के लिए 13 गवाहों के बयान दर्ज करवाए. ट्रायल कोर्ट ने तीनों को 12-12 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी.

ट्रायल कोर्ट ने रामपुर निवासी कुलदीप कुमार और संजीत कुमार को 14 वर्ष की छात्रा का अपहरण व दुष्कर्म के जुर्म के लिए दोषी पाया था. कोर्ट ने आरोपियों को 12-12 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी. पुलिस ने दोषियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 366 और 376-डी के तहत मामला दर्ज किया था. निचली अदालत के फैसले को आरोपियों ने अपील के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने उनकी अपील को खारिज कर दिया. साथ ही सेशन जज किन्नौर के फैसले को सही ठहराया.

ये भी पढ़ें-मिशन चंद्रयान-3 की सफलता पर इसरो को बधाइयों का तांता, सीएम सुखविंदर सिंह सहित अन्य नेताओं ने जताई खुशी

ABOUT THE AUTHOR

...view details