शिमला: हिमाचल के बहुचर्चित गुड़िया रेप व मर्डर केस से जुड़े एक अन्य कस्टोडियल डेथ मामले के आरोपी आईपीएस जहूर जैदी को बहाली मिल गई है. आईजी रैंक के अफसर जहूर हैदर जैदी को हिमाचल प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को बहाल कर दिया है. राज्य के गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. जहूर जैदी को प्रदेश सरकार ने 15 जनवरी 2020 को सस्पेंड किया था. तीन साल बाद सरकार ने उन्हें बहाल किया है. नए आदेश के अनुसार अभी आईजी जहूर हैदर जैदी पुलिस मुख्यालय शिमला में रिपोर्ट करेंगे. तैनाती के आदेश अलग से जारी किए जाएंगे.
तीन महीने पहले भी मिली थी जमानत: हिमाचल के बहुचर्चित गुड़िया रेप व मर्डर केस से ही जुड़े कस्टोडियल डेथ मामले में आईपीएस जहूर जैदी को पिछले साल ही नियमित जमानत मिली थी. अक्टूबर 2022 को जैदी को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने नियमित जमानत दे दी थी. उसके बाद से जहूर जैदी अपनी सस्पेंशन रिवोक होने का इंतजार कर रहे थे. वे आईजी रैंक के अधिकारी हैं.
IPS जहूर जैदी की सस्पेंशन खत्म. वे 1994 बैच के आईपीएस अफसर हैं. अपनी जमानत के लिए जहूर जैदी पहले सुप्रीम कोर्ट गए थे. सुप्रीम कोर्ट से उन्हें 5 अप्रैल 2019 को ट्रायल कोर्ट की शर्तों के अनुसार जमानत दे दी थी. फिर ट्रायल कोर्ट ने 24 जनवरी 2020 को उनकी नियमित जमानत रद्द कर दी थी. उस दौरान जैदी की तरफ से दलील दी गई थी कि सुप्रीम कोर्ट की जमानत को ट्रायल कोर्ट खारिज नहीं कर सकता.
कस्टोडियल डैथ मामले में हैं आरोपी: सूरज कस्टोडियल डैथ मामले में आईजी जहूर जैदी सहित नौ अफसर व कर्मी आरोपी हैं. चंडीगढ़ में सीबीआई कोर्ट में इसकी सुनवाई हो रही है. इससे पूर्व वर्ष 2019 में कस्टोडियल डैथ मामले में कोर्ट के ट्रायल के दौरान जैदी सहित दो अन्य अफसरों को निलंबन बहाल कर दिया गया था. तब राज्य में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा सरकार थी. जहूर जैदी व अन्य को सीबीआई ने 29 अगस्त 2017 को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद जैदी की 24 घंटे के बाद डीम्ड सस्पेंशन हो गई थी. फिर एक सितंबर 2019 को हिमाचल के गृह विभाग ने जैदी के निलंबन आदेश जारी कर दिए थे. उसके बाद नवंबर 2019 में उन्हें बहाल किया गया था.
क्या था मामला:उल्लेखनीय है कि जुलाई 2017 में कोटखाई की दसवीं कक्षा की छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई थी. आईजी जहूर जैदी को इसका जिम्मा दिया गया था. एसआईटी ने जिन लोगों की गिरफ्तारी की थी, वो बाद में बेकसूर निकले. उनमें से एक सूरज नामक व्यक्ति की हिरासत के दौरान मौत हो गई थी. प्रदेश में इस जघन्य हत्याकांड के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन के बीच हाईकोर्ट के आदेश से जांच सीबीआई को सौंपी गई थी.
सीबीआई ने जैदी सहित नौ अफसरों व कर्मियों को पकड़ा था. मामला चंडीगढ़ की सीबीआई कोर्ट में चला. इससे पहले अप्रैल 2019 में जैदी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी. बाद में शिमला की एसपी सौम्या के बयान के बाद जहूर जैदी की जमानत रद्द कर दी गई थी. बाद में अक्टूबर 2022 को उन्हें नियमित जमानत मिल गई थी. उसके बाद हिमाचल सरकार ने अब सस्पेंशन रिवोक कर दी है.
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