शिमला: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत मंत्री राहुल राणा ने हिमाचल प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय में हो रहे व्यापारीकरण को लेकर कड़ा रोष प्रकट किया है. राहुल राणा ने कहा कि जहां फर्जी डिग्री बेचने के आरोप में कुछ निजी विश्वविद्यालय जांच के घेरे में है. उससे प्रदेश का नाम तो खराब हुआ ही है, लेकिन फिर भी कुछ निजी विश्वविद्यालय अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे.
राहुल राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अवैध डिग्रियों का गोरख धंधा चला है. ऐसा ही काम मानव भारती यूनिवर्सिटी, इंडस यूनिवर्सिटी और एपीजी यूनिवर्सिटी शिमला ने किया, जिसको लेकर इन विश्वविद्यालयों पर एफआईआर भी दर्ज हुई और बाद में इस प्रकार के बेतुके बयान दिए गए की डिग्रियां कॉरेस्पोंडेंस, डिस्टेंस और कर्मचारियों को 2 से 4 घंटे कार्य में छूट देकर उनकी कक्षाएं लगाई गई और उन्हें डिग्री दे दी गई. जो कि यूजीसी के नियमों के खिलाफ है.
इससे साफ होता है कि निजी विश्वविद्यालयों में डिग्रियां बांटने का धंधा किस प्रकार चला हुआ है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि नियामक आयोग जल्दी से जल्दी इस प्रकार दी गई डिग्रियों को रद्द करे और निजी विश्वविद्यालयों पर कड़ी कार्रवाई करे. उनका कहना था कि हिमाचल प्रदेश नियामक आयोग और उच्च न्यायालय ने अपने आदेशों में साफ किया है कि निजी विश्वविद्यालय केवल सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त फीस ही छात्रों से ले सकते हैं. मगर विद्यार्थी परिषद ने पाया कि छात्रों से कैरेक्टर सर्टिफिकेट, प्रोविजनल डिग्री सर्टिफिकेट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट के नाम पर पैसे लिए जा रहे हैं.