शिमला: शिव से ही संसार चलायमान है. सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं. शम्भू अनंत हैं. वे अनादि और सृष्टि संचालक हैं. शंकर कई नामों से पूजे जाते हैं. आशुतोष कई रूपों में भक्तों को तारते हैं. महाकाल बड़े से बड़ी मुसीबत टालते हैं. मृत्युंजय, जिनके अधीन जन्म और मरण है. हम आपको उनके 108 नामों से आपका परिचय करा रहे हैं. साथ ही उन्हें इन नामों से क्यों पुकारते हैं, ये भी जानेंगे.
हिन्दू धर्म में भगवान शिव को अनेक नामों से पुकारा जाता है. कहते हैं अगर शिव के इन 108 नामों का जाप किया जाए, तो सारे बिगड़े काम बन जाते हैं. भगवान शंकर तो ऐसे हैं कि मात्र जलाभिषेक से अपने भक्तों के सारे काम पूरे कर देते हैं. ये तो सिर्फ 108 नाम हैं, पिनाकी के नाम भी उनके नाम की तरह अनंत हैं.
1- ऊँ भोलेनाथ नम:
2- ऊँ कैलाशपति नम:
3- ऊँ भूतनाथ नम:
4- ऊँ नंदराज नम:
5- ऊँ नंदी की सवारी नम:
6- ऊँ ज्योतिर्लिंग नम:
7- ऊँ महाकाल नम:
8- ऊँ रुद्रनाथ नम:
9- ऊँ भीमाशंकर नम:
10- ऊँ नटराज नम:
11- ऊँ प्रलेयन्कार नम:
12- ऊँ चंद्रमौली नम:
13- ऊँ डमरूधारी नम:
14- ऊँ चंद्रधारी नम:
15- ऊँ मल्लिकार्जुन नम:
16- ऊँ भीमेश्वर नम:
17- ऊँ विषधारी नम:
18- ऊँ बम भोले नम:
19- ऊँ ओंकार स्वामि नम:
20- ऊँ ओंकारेश्वर नम:
21- ऊँ शंकर त्रिशूलधारी नम:
22- ऊँ विश्वनाथ नम:
23- ऊँ अनादिदेव नम:
24- ऊँ उमापति नम:
25- ऊँ गोरापति नम:
26- ऊँ गणपिता नम:
27- ऊँ भोलेबाबा नम:
28- ऊँ शिवजी नम:
29- ऊँ शम्भू नम:
30- ऊँ नीलकंठ नम:
31- ऊँ महाकालेश्वर नम:
32- ऊँ त्रिपुरारी नम:
33- ऊँ त्रिलोकनाथ नम:
34- ऊँ त्रिनेत्रधारी नम:
35- ऊँ बर्फानी बाबा नम:
36- ऊँ जगतपिता नम:
37- ऊँ मृत्युंजय नम:
38- ऊँ नागधारी नमः
39- ऊँ रामेश्वर नमः
40- ऊँ लंकेश्वर नमः
41- ऊँ अमरनाथ नमः
42- ऊँ केदारनाथ नमः
43- ऊँ मंगलेश्वर नमः
44- ऊँ अर्धनारीश्वर नमः
45- ऊँ नागार्जुन नमः
46- ऊँ जटाधारी नमः
47- ऊँ नीलेश्वर नमः
48- ऊँ गलसर्पमाला नमः
49- ऊँ दीनानाथ नमः
50- ऊँ सोमनाथ नमः
51- ऊँ जोगी नमः
52- ऊँ भंडारी बाबा नमः
53- ऊँ बमलहरी नमः
54- ऊँ गौरीशंकर नमः
55- ऊँ शिवाकांत नमः
56- ऊँ महेश्वराय नमः
57- ऊँ महेश नमः
58- ऊँ आकोलनाथ नमः
59- ऊँ आदिनाथ नमः