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आज से बंद हो सकती है 108 एंबुलेंस सेवा, यूनियन ने NHM से की मर्ज करने की मांग - 108 ambulance service

108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों की बढ़ी हुई सेवाएं आज खत्म होने जा रही है. जीवीके कंपनी ने 30 जून को ही कर्मचारियों को निकाल दिया था. इस पर सरकार के दखल के बाद कर्मचारियों का सेवा समय 15 जुलाई के बाद 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया था. वहीं, कर्मचारियों ने सरकार से एनएचएम में मर्ज करने की मांग की.

108 ambulance service
108 एंबुलेंस सेवा

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Published : Jul 31, 2020, 3:33 PM IST

शिमला: प्रदेश में 31 जुलाई यानी आज 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों की बढ़ी हुई सेवाएं खत्म होने जा रही हैं. जीवीके कंपनी ने 30 जून को ही कर्मचारियों को निकाल दिया था. इस पर सरकार के दखल के बाद कर्मचारियों का सेवा समय 15 जुलाई के बाद 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया था.

दरअसल, हिमाचल में सभी एंबुलेंस का संचालन जीवीके कंपनी करती है. सरकार और कंपनी का करार 30 जून को ही खत्म हो चुका था. ऐसे में कंपनी ने 25 जून को ही सभी 108 और 102 एंबुलेंस के कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस के टर्मिनेशन लेटर दे दिए थे.

प्रदेश सरकार के साथ कंपनी का करारनामा 2021 तक है, लेकिन कंपनी ने सरकार को आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए मदद करने की बात कही थी. इस पर सरकार की ओर से कोई मदद न मिलने पर कंपनी ने 108 के कर्मचारियों को टर्मिनेट कर दिया था.

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वहीं, इसे लेकर 29 जून को 108और 102 कॉन्ट्रेक्ट वर्कर यूनियन का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान और निदेशक स्वास्थ्य मिशन निपुण जिंदल से मिला था. इसके बाद यूनियन को आश्वस्त कर कंपनी को नोटिस जारी कर दिया गया. उसके बाद कंपनी ने सभी कर्मचारियों की सेवाएं 15 जुलाई तक बढ़ा दी थी. 15 जुलाई को फिर सरकार के दखल के बाद सेवा काल को 31 जुलाई तक बढ़ाया गया.

108 और 102 कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष पूर्ण चंद ने कहा कि सरकार लॉकडाउन की तरह समय आगे से आगे बढ़ा रही है, लेकिन कोई ठोस नीति नहीं बना रही है. इसलिए कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें सरकार एनएचएम में मर्ज करे.

पूर्ण चंद ने कहा कि कंपनी का इस समय में कर्मचारियों को टर्मिनेट करना कानून के खिलाफ है. ये मामला कोर्ट में चल रहा है. ऐसे में कंपनी के सभी कर्मचारियों का टर्मिनेशन वापिस न लेने पर मजबूरन सभी कर्मचारियों को एंबुलेंस छोड़नी पड़ेगी. इसके चलते कोरोना महामारी के दौर में कंपनी और सरकार जनता की जिंदगी के साथ खिलवाड़ के लिए जिम्मेदार होगी.

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