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मंडी नगर निगम चुनाव: लोगों में दिख रहा भारी उत्साह, 75 प्रत्याशियों की किस्मत का होगा फैसला - नगर निगम चुनाव हिमाचल प्रदेश

मंडी नगर निगम में 15 वार्डों में 75 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं और उनके भाग्य का फैसला 32,938 मतदाता करेंगे. सुबह 8 बजे से शुरू हुई मतदान प्रक्रिया में युवा मतदाताओं के साथ बुजुर्ग मतदाताओं में भी काफी जोश दिख रहा है.

मंडी नगर निगम के लिए वोटिंग
मंडी नगर निगम के लिए वोटिंग

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Published : Apr 7, 2021, 10:38 AM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश के 4 नगर निगमों के लिए मतदान सुबह 8 बजे शुरू हो गया है. मंडी की बात करें तो पहली बार इसे नगर निगम का दर्जा मिला है और मंडी जिला मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह जिला भी है जिससे अब उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर है. वहीं, दूसरी ओर पंडित सुखराम का परिवार भी अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहा है.

75 उम्मीदवारों चुनावी मैदान में

मंडी जिला में 15 वार्डों में 75 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं और उनके भाग्य का फैसला 32,938 मतदाता करेंगे. नगर निगम मंडी के दायरे में आने वाले बल्ह विधानसभा क्षेत्र के वार्ड नंबर 15 दौहदी में 2443 मतदाता हैं जिनमें 1250 महिला और 1193 में पुरुष है. इसी वार्ड से 4 उम्मीदवार मैदान में हैं. सुबह 8 बजे से शुरू हुई मतदान प्रक्रिया में युवा मतदाताओं के साथ बुजुर्ग मतदाताओं में भी काफी जोश दिख रहा है.

वोट डालते हुए बुजुर्ग महिला.

वहीं, देर शाम तक चुनाव के नतीजे घोषित होंगे और तभी पता चल पाएगा आखिरकार भाजपा ने परचम लहराया या कांग्रेस अपने वजूद की लड़ाई जीत सका. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के साथ अन्य उम्मीदवार भी मैदान में हैं. वहीं, मतदान करने पहुंचे मतदाताओं ने कहा कि मंडी को नगर निगम का दर्जा मिला है जोकि सरकार का सराहनीय कदम है, लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिन्हें बेवजह नगर निगम के दायरे में डाल दिया गया है. इससे ग्रामीणों पर बेवजह बोझ पड़ेगा.

वीडियो.

विकास के नाम पर वोट

भाजपा प्रत्याशी पूजा धीमान ने कहा कि वे क्षेत्र के विकास में किसी भी तरह की कमी नहीं आने देगी और पंचायत में जो विकास नहीं हो पाए हैं, उन्हें करवाया जायेगा. पूजा धीमान ने कहा कि उनके क्षेत्र को नगर निगम में 2011 की जनसंख्या के आधार पर शामिल किया गया है और अगले 5 वर्षो तक लोगों से टैक्स नहीं लिया जाएगा. उनका कहना है कि अगर 2021 की जनगणना के मुताबिक अगर शहरी क्षेत्र की जनसंख्या पूरी होती है तो 5 वर्ष के बाद इन क्षेत्रों को फिर से नगर निगम से बाहर कर ग्रामीण क्षेत्रों में डाला जाएगा.

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