मंडीः क्या हुआ अगर हम अपने घर से दो हजार किमी दूर हैं लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय के साथ खड़े हैं. यह कहना है कि पश्चिम बंगाल के तीन परिवारों के सदस्यों का. यह तीन परिवार कर्फ्यू के कारण इन दिनों मंडी शहर के एक निजी गेस्ट हाउस में रूके हुए हैं.
बता दें कि 24 मार्च को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में लॉकडाउन का ऐलान किया तो जो लोग जहां पर थे वहीं पर रूक गए. पश्चिम बंगाल से हिमाचल की वादियों को निहारने आए तीन परिवारों के 18 सदस्य भी लॉक डाउन के कारण छोटी काशी मंडी में रूके हुए हैं.
24 मार्च को यह मनाली घूमने के लिए जा रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण मंडी में ही रूकना पड़ा. जब इनकी जानकारी मंडी जिला प्रशासन को मिली तो प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से इनकी लिए मदद के हाथ आगे बढ़ाए.
जिला प्रशासन और व्यापार मंडल सहित अमर गेस्ट हाउस के संचालक द्वारा इन्हें यहां हर संभव मदद दी जा रही है. पश्चिम बंगाल निवासी पूर्णव ओबरॉय और सुमन मुखर्जी ने बताया कि उनका पूरा परिवार देश को इस महामारी से निजात दिलाने के लिए इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय के साथ खड़ा है.
वहीं, तुरूण रॉय ने बताया कि घर से दूर रहने का उन्हें मलाल तो है, लेकिन प्रशासन और स्थानीय लोगों को उन्हें जो सहयोग मिल रहा है, उसे पाकर वह बेहद खुश हैं. परिवारों का कहना है कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद ही वह अपने घरों में वापिस जाएंगे.
वहीं, डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि देश के प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय के अनुसार जो लोग जहां पर हैं वहीं, पर रहना है और इनकी देखरेख का जिम्मा प्रशासन का है. उन्होंने कहा कि ऐसे परिवारों को प्रशासन हर संभव मदद मुहैया करवा रहा है और इनकी पूरी देखरेख की जा रही है.
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