वोटिंग के बाद अब कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने में जुटे नेता, कांग्रेस में नतीजों में देरी पर निराशा
शनिवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए हुए मतदान के बाद रविवार सुबह ही नेताओं के घरों पर कार्यकर्ताओं का आना जाना शुरू हो गया था. वहीं, नेता भी कार्यकर्ताओं संग अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में हुए मतदान का फीडबैक लेते रहे. हरोली से कांग्रेस के प्रत्याशी नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने जहां प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा किया. वहीं, उन्होंने मतदान और नतीजों के बीच देरी पर निराशा व्यक्त की. पढ़ें पूरी खबर
शिमला के नेरवा में गाड़ी का एक्सीडेंट, चालक की मौत, एक घायल
शिमला के नेरवा में बीती रात एक गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसे में चालक की मौत हो गई, जबकि दूसरे व्यक्ति की मौत हो गई. एसपी शिमला डॉ. मोनिका ने मामले की पुस्टि की है.
थ्री लेयर सिक्योरिटी में रखी गई EVM, राजनीतिक दलों को भी दिया गया CCTV का एक्सेस
मतदान के बाद ऊना में ईवीएम को थ्री लेयर सिक्योरिटी में रखा गया है. पारदर्शिता बनाए रखने के लिए स्ट्रांग रूम पर नजर रखे हुए सभी सीसीटीवी का एक्सेस करने का अधिकार निर्वाचन आयोग के साथ-साथ तमाम राजनीतिक दलों को भी दिया गया है. जनपद में तीन स्थानों पर स्ट्रांग रूम बनाए गए हैं.
करसोग में 76.53 फीसदी मतदान, पिछली बार से 2.51 फीसदी अधिक हुई वोटिंग
करसोग में इस बार 76.53 फीसदी मतदान हुआ है. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में 74.02 फीसदी मतदान हुआ था लेकिन इस बार 2.51 फीसदी अधिक मतदाताओं ने लोकतंत्र के महायज्ञ में वोटों की आहुति डाली है. रिटर्निंग ऑफिसर सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न हुई. उन्होंने कहा कि मतों की गिनती 8 दिसंबर को होगी. (polling percentage in karsog)
हिमाचल विधानसभा चुनाव: ये हैं वो 6 उम्मीदवार जो खुद को नहीं डाल पाए वोट, 2 कैबिनेट मंत्री भी शामिल
हिमाचल प्रदेश में 68 विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव के लिए बंपर वोटिंग देखने को मिली और मतदान करीब 74.61 प्रतिशत पहुंच गया है. हालांकि ये आंकड़ा पिछले चुनाव से कम है. अभी बैलेट पेपर से किए गए मतदान की गिनती होनी है. इसलिए मत प्रतिशतता 75 फीसदी से ज्यादा पहुंचेगी. सबसे अधिक मतदान दून विधानसभा क्षेत्र में 85.20 प्रतिशत हुआ, जबकि कसुम्पटी में सबसे कम 57 प्रतिशत रहा. ये चुनाव आनेवाले समय में कई तथ्यों को लेकर याद रखा जाएगा. इनमें से एक तथ्य ये इस बार 68 विधानसभा सीटों पर 412 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे. अब इन सबकी किस्मत EVM में कैद हो गई है. 8 दिसंबर को मतगणना के दिन ही यह पता चल पाएगा कि जनता ने किसका साथ दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं इन 412 प्रत्याशियों में से 2 कैबिनेट मंत्री समेत 6 ऐसे प्रत्याशी जो खुद को वोट नहीं डाल सके.