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कोरोना संकट के बीच टूटेगी सैकड़ों साल की परंपरा, नहीं होगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा - Jagannath temple

सुंदरनगर उपमंडल हडेंटी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में इस बार भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा नहीं निकाली जाएगी. भगवान जगन्नाथ के कपाट 15 दिन के लिए बंद करने की परंपरा रविवार को हंडेटी स्थित जगन्नाथ मंदिर में बेहद सादगी से निभाई गई.

Rath Yatra will not come out of Lord Jagannath situated in Sundernagar this time
भगवान जगन्नाथ

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Published : Jun 8, 2020, 3:24 PM IST

सुंदरनगर:विश्वभर में फैली कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष सुंदरनगर के एकमात्र जगन्नाथ मंदिर हंडेटी से इस बार रथयात्रा नहीं निकलेगी. हंडेटी मंदिर से हर साल जगन्नाथ यात्रा निकलती थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस बार ये पंरपरा टूट जाएगी.

भगवान जगन्नाथ के कपाट 15 दिन के लिए बंद करने की परंपरा रविवार को सुंदरनगर के हंडेटी स्थित जगन्नाथ मंदिर में बेहद सादगी से निभाई गई. इस परंपरानुसार भगवान जगन्नाथ अब 15 दिन पुजारी के सिवाए किसी और भक्त को दर्शन नहीं देंगे और सूक्ष्म रूप में ही पुजारी भगवान का पूजन करेंगे. ठीक 15 दिन बाद 23 जून को मंदिर के कपाट खुलेंगे, लेकिन इस बार जगन्नाथ यात्रा नहीं निकलेगी.

हंडेटी जगन्नाथ मंदिर के प्रधान सेवक रूपेश शर्मा ने कहा कि कोविड-19 के खतरे को देखते हुए इस बार रथ यात्रा और अन्य कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं. बता दें कि छोटी काशी मंडी के सुंदरनगर उपमंडल का एकमात्र जगन्नाथ मंदिर पुराना बाजार के हंडेटी कस्बे में मौजूद है.

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मान्यता के अनुसार इस मंदिर में हर साल 15 दिनों के लिए भगवान जगन्नाथ भक्तों को दर्शन नहीं देते हैं. पुजारी भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और लक्ष्मी के आगे पर्दा लगाकर लगाकर पूजा करते हैं. 16 वें दिन मंदिर के दोबारा खुलने पर भगवान जगन्नाथ की भव्य यात्रा हंडेटी मंदिर से जंगमबाग के लिए निकतलती है. यहां तीन दिन विश्राम के बाद भगवान वापस मंदिर लौटते हैं. रथ यात्रा के दिन सैकड़ों लोग भगवान जगन्नाथ के दरबार में रथ खींच कर हाजरी भरते हैं.

बगलामुखी मंदिर में भी सन्नाटा

हिमाचल में कांगड़ा जिला के रानीताल-देहरा सड़क के किनारे बनखंडी में स्थित सिद्धपीठ माता बगलामुखी मंदिर में हर वर्ष हिमाचल प्रदेश के अतिरिक्त देश के विभिन्न राज्यों से लोग आकर अपने कष्टों के निवारण के लिए पूजा करवाकर आशीर्वाद लेते हैं. साधारण दिनों में मंदिर में रात दिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता था. वहीं, कोरोना के चलते इस समय शक्तिपीठ वीरान पड़ा हुआ है.

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