मंडी: जिला मंडी में सामाजिक सुरक्षा पेंशनों के करोड़ों रुपये के चर्चित घोटाले में शुक्रवार को पुलिस थाना जोगिंदरनगर में एफआईआर दर्ज हो गई है. यह एफआईआर निदेशक समाज कल्याण विभाग से आए आदेशों के बाद जिला कल्याण अधिकारी मंडी ने करवाई.
गौरतलब है कि साल 2017 में एक मामला जोगिंदरनगर में अंतरजातीय विवाह की मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को लेकर आया था. सुनीता पत्नी रिंकू ने अपनी अंतरजातीय शादी की मिलने वाली प्रोत्साहन राशि समय अवधि बीत जाने पर भी नहीं मिली तो उसने शिकायत दर्ज करवाई. इस पर विभाग ने पाया कि सुनीता को कागजों में पैसे दिये जा चुके हैं, लेकिन वास्तव में उसे प्रोत्साहन राशि मिली ही नहीं थी.
इस मामले की अगस्त 2018 में जिला स्तर पर जांच करवाई गई, तो यह गोलमाल लगभग सवा करोड़ से उपर चला गया. वहीं, राज्य स्तर की टीम ने इसकी जांच की तो घोटाला 1 करोड़ 40 लाख के आसपास पाया गया. कई तरह के दबाव के कारण इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी. मगर घोटाला सुर्खियों में आने पर सरकार ने तत्काल कार्रवाई करने के आदेश निदेशक सामाजिक कल्याण विभाग को दिए.
बता दें कि घोटाले में एफआईआर तत्कालीन तहसील कल्याण अधिकारी के खिलाफ हुई है, जो अभी भी एक उच्च पद पर कार्यरत हैं. जिला कल्याण अधिकारी लेख राज वैद्य ने मामले की एफआईआर जोगिंदरनगर थाने में दर्ज किए जाने की पुष्टि की है.
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