हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

सफलता की कहानी: 2 कमरों के कच्चे मकान में रहने वाला हिमाचल का ये लाल अब बनेगा डॉक्टर

पिछली साल एमबीबीएस में मात्र 1 नंबर से पिछड़ने के बाद रोहन ने डॉक्टर बनने का अपना इरादा नहीं छोड़ा. हालांकि इस दौरान उनका नंबर बीडीएस और आयुर्वेदा के लिए आ गया था, लेकिन रोहन का मन एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए मचल रहा था. इस तरह रोहन ने मंजिल की तरफ कदम बढ़ाए और उसे पा भी लिया.

रोहन

By

Published : Jun 7, 2019, 11:21 PM IST

मंडी/करसोग: जिला मंडी के करसोग के छोटे से गांव मंरांडी कंमांद में दो कमरों के कच्चे मकान में पले बढ़े रोहन ठाकुर का डंका अब चिकित्सा जगत में बजेगा. नीट में 529 नंबर हासिल करने वाले इस होनहार के सीने में कई राज छिपे हुए हैं. तभी तो 6 साल की उम्र में जब बच्चा मां की उंगली पकड़ चलना सीख रहा होता है नन्हें से रोहन ने उस उम्र में एक सफल डॉक्टर बनने का सपना मन मे पाल लिया था.


चुराग के सीनियर सेकेंडरी स्कूल से प्लस टू पास करने वाले रोहन ठाकुर के पांव पालने में ही नजर आ गए थे. पिछली साल एमबीबीएस में मात्र 1 नंबर से पिछड़ने के बाद रोहन ने डॉक्टर बनने का अपना इरादा नहीं छोड़ा. हालांकि इस दौरान उनका नंबर बीडीएस और आयुर्वेदा के लिए आ गया था, लेकिन रोहन का मन एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए मचल रहा था. इस तरह रोहन ने मंजिल की तरफ कदम बढ़ाए और उसे पा भी लिया.


रोहन ठाकुर का जीवन शुरू से ही मुश्किलों से भरा रहा. पिता विनोद ठाकुर बहुत ही गरीब परिवार से थे. जोगिंद्रनगर के हराबाग में उनकी पुश्तैनी जमीन न होने के कारण विनोद को ससुराल की ओर से मंरांडी कंमांद में 3 बीघा जमीन खेतबाड़ी करने के लिए मिली है. इसी जमीन पर कच्चे मकान के दो कमरों में पांच सदस्यों का परिवार गुजारा करता है. हालांकि विनोद की नौकरी होमगार्ड में भी लग गई, लेकिन तीन साल पहले तक इस नौकरी में बहुत ही कम वेतन मिलता था, इसलिए उन्होंने दिन में टैक्सी चलाने का काम करना शुरू किया और रात को नौकरी कर मुश्किल से घर का खर्च चलाते थे.


तीन साल पहले ही सरकार ने होमगार्ड के वेतनमान में वृद्धि की थी, ऐसे में इस दौरान एरियर के मिले 50 हजार से विनोद ठाकुर ने अपने बेटे की मंडी से कोचिंग करवाई. अब नीट में सफलता के झंडे गाड़ने के बाद रोहन ठाकुर के पिता को बधाई देने वालों का तांता लगा है.


गांव में भी रोहन की इस बड़ी कामयाबी के बाद खुशी का माहौल है. विनोद ठाकुर ने बताया कि लड़के की कामयाबी से उनके सभी दुख और मुश्किलें खत्म हो गई है. उन्होंने कहा कि अब उनकी एक ही उम्मीद है कि रोहन अच्छा डॉक्टर बनकर गरीब लोगों की सेवा करे.

ये भी पढ़ेंः फाइल पर साइन हुए तो साल में 4 लाख की फ्री यात्रा करेंगे हिमाचल के विधायक, विदेशों में भी कर सकेंगे सैर

ABOUT THE AUTHOR

...view details