मंडी:जिले केदूसरे सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान जोनल अस्पताल मंडी में रोजाना हजार करीब ओपीडी होती है. मरीजों के जोनल अस्पताल में स्थापित विभिन्न मशीनों के माध्यम से टेस्ट भी किए जाते हैं,लेकिन बीते दो महीनों से जोनल हास्पिटल मंडी में अल्ट्रासाउंड की 3 आधुनिक मशीनें धूल फांक रही हैं. कारण यह है कि यहां रेडियोलॉजिस्ट नहीं है. इस कारण मरीजों को निजी अस्पतालों में ज्यादा रुपए देकर अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ रहा है.
यहां जो रेडियोलॉजिस्ट तैनात था, उन्होंने 31 मार्च को अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया, उसके बाद से ही यह पद यहां खाली चल रहा है. हास्पिटल में आ रहे मरीजों को यदि अल्ट्रासाउंड के लिए कहा जाता है तो उन्हें नीजि सेंटर का रुख करना पड़ रहा है और हजारों रुपए खर्च करके अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ रहा है.
यदि सरकारी दर पर ही अल्ट्रासाउंड करवाना है तो फिर उसके लिए मेडिकल कॉलेज नेरचौक जाना पड़ रहा है, लेकिन वहां पर भी लंबी तारीख ही मिल रही है. जोनल हास्पिटल मंडी के एमएस डॉ. धर्म सिंह वर्मा ने बताया कि हास्पिटल में अल्ट्रासाउंड की तीन हाईटेक मशीनें हैं ,लेकिन रेडियोलॉजिस्ट का पद खाली चल रहा है. हायर अथॉरिटी को इस संदर्भ में अवगत करवा दिया गया है.
बता दें कि जोनल हास्पिटल मंडी में एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट का पद भी खाली चल रहा है, लेकिन सरकार ने इसके लिए यहां वैकल्पिक व्यवस्था कर रखी है. मेडिकल कॉलेज नेरचौक से हर हफ्ते एकएनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट को यहां भेजकर आप्रेशन करवाए जा रहे हैं. यदि सरकार चाहे तो अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए भी ऐसी व्यवस्था की जा सकती है. डॉ. धर्म सिंह वर्मा ने बताया कि अगर अस्थायी तौर पर किसी डॉक्टर को तैनात कर दिया जाता है तो अल्ट्रासाउंड की सुविधा फिर से शुरू हो सकती है.
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