मंडी: हिमाचल प्रदेश में आपदा इस बार जो जख्म देकर गई है, वो अब तक नहीं भरे हैं. प्रदेश में अभी भी ऐसे कई क्षेत्र हैं, जिनमें आपदा के बीत जाने के बाद भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं. मंडी जिले में भी बरसात की तबाही के निशान अभी तक देखे जा सकते हैं. जिले में आपदा के कारण कई सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जो अभी तक बहाल नहीं हो पाई है. अपने रोजमर्रा के कामों के लिए भी इन लोगों को रोजाना कई किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ रहा है.
15 पंचायतों को सड़क सुविधा नहीं: इसी कड़ी में मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र के शारटी गांव के पास भारी बारिश से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है. जिसका दंश 15 पंचायतों को झेलना पड़ रहा है. अब आलम यह है कि बिल्कुल सामने दिखाई देने वाले एनएच पर पहुंचने के लिए अब 50 किलोमीटर का सफर करना पड़ रहा है. इन 15 पंचायतों को एनएच के साथ जोड़ने के लिए डबल लेन केबल स्टेयड ब्रिज बनाया गया था. ये पुल 50 करोड़ की लागत से बनने वाला प्रदेश का पहला डबल लेन केबल स्टेयड ब्रिज था.
इन पंचायतों का कटा NH से संपर्क: इस पुल के बन जाने से खाहरी, कून और खोलानाल जैसी दुर्गम पंचायतें आजादी के बाद पहली बार सड़क सुविधा से जुड़ी थी, लेकिन बीते महीने हुई भारी बारिश के कारण शारटी गांव के पास 50 से 60 मीटर सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई. जिसके कारण अब 15 पंचायतों के लोगों को नेशनल हाइवे तक पहुंचने के लिए 50 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है. खासकर खाहरी और कून पंचायतों का सड़क से संपर्क फिर से कट गया है.