मंडीः आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने पंडित सुखराम पर एक बार फिर से जुबानी हमला बोला है. उन्होंने चुनावी जनसभा में पंडित सुखराम के भावुक होने पर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि अपनी हार देख पंडित सुखराम अब पुरानी पैंतरेबाजी में उतर आए हैं. उन्होंने कहा कि इमोशनल ड्रामा कर लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता है.
सुखराम और महेंद्र सिंह ठाकुर (डिजाइन फोटो) महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि पंडित सुखराम को यदि अपने बेटे अनिल शर्मा की इतनी फिक्र है तो वह उनसे इस्तीफा दिलवाकर उन्हें प्रचार में क्यों नहीं ले जाते. उन्होंने कहा कि अनिल शर्मा से इस्तीफा न दिलवाना भी पंडित सुखराम की पैंतरेबाजी का ही हिस्सा है. उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्षों से जनता को इमोशनल ब्लैकमेल कर ही वह सत्ता सुख भोग रहे हैं.
महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि मंडी का हितैषी बनने वाले पंडित सुखराम याद करें कि जब कर्म सिंह ठाकुर सीएम बन रहे थे तो उस समय उनकी क्या भूमिका रही. अब मंडी को सीएम मिला है तो उन्हें यह हजम नहीं हो रहा है. सीएम की कुर्सी को कमजोर करने के लिए ही रोने धोने का ड्रामा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह अनुभवी नेता हैं. मात्र 3 मिनट में अपना संबोधन खत्म कर उन्होंने अपनी बात इशारों-इशारों में जनता तक पहुंचा दी. पंडित सुखराम अब माफी मांग रहे हैं. उन्हें क्षेत्र के विकास की चिंता नहीं है, बल्कि अपने परिवार की चिंता है.
मंडी में जनसभा को संबोधित करते सुखराम बता दें कि कांग्रेस की मंडी में हुई परिवर्तन रैली में अनिल शर्मा को याद करते हुए पंडित सुखराम भावुक हो गए, जिस पर अब आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि वे पंडित सुखराम को 1990 से जानते हैं. वह किस समय पर क्या ड्रामा करना है, इसके माहिर हैं. उन्होंने कहा कि जब पंडित सुखराम तिहाड़ जेल में थे तो अनिल शर्मा के बजाए महेंद्र सिंह ठाकुर उनके सामने थे. उन्होंने जनसभा को फ्लॉप बताया और आरोप लगाया है कि धन बल के दम पर लोगों को जनसभा में लाया गया.