मंडीः दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो जिंदगी में किसी भी मंजिल की राह मुश्किल नहीं है. अपनी कड़ी मेहनत और सच्ची लगन से ऐसा ही मुकाम शाकरा गांव निहरी तहसील के गरीब परिवार में पैदा हुए लुदरमणि ने हासिल किया है. लुदरमणि ने प्रदेश के सभी बहुतकनीकी संस्थान में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ट्रेड में टॉप कर गोल्ड मेडल हासिल किया है.
लुदरमणि को गोल्ड मेडल करने पर प्रशस्ति पत्रऔर 11 हजार रुपये का इनाम देकर भी सम्मानित किया गया है. यह गोल्ड मेडल उन्हें 2014-17 बैच के लिए मिला है. मौजूदा समय में लुदरमणि नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में जेई के पद पर कार्यरत हैं. इतना ही नहीं लुदरमणि एसजेवीएन में जेई पद के लिए हुई परीक्षा में पूरे उत्तर भारत में पांचवा स्थान हासिल किया था.
लुदरमणि घर से 5 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर कर स्कूल जाते थे. गरीबी के कारण केहर सिंह अपनी लड़कियों को अधिक नहीं पढ़ा सके, लेकिन बेटे की लगन को देखते हुए केहर केहर सिंह ने परिवार का पेट काटकर लुदरमणि को पढ़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ी.
पौने दो बीघा भूमि के मालिक केहर सिंह ने अपनी पत्नी खिमी देवी के साथ लुदरमणि को सभी सुविधाएं जुटाने खून पसीना बहा दिया. कई बार तो ऐसा भी होता कि खेतों में अच्छी पैदावार न होने से परिवार को दोनों वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होती, माता पिता ने हार नहीं मानी. उन्होंने अपने होनहार बेटे के लिए वे सभी सुविधाएं दी जो बेटे की पढ़ाई के दौरान आवश्यक थी. वर्तमान समय में भी केहर सिंह का परिवार दो कमरों के कच्चे पहाड़ी मकान में अपनी जिंदगी गुजार रहा है.
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लुदरमणि के पिता केहर सिंह का कहना है कि बेटे को बड़ी मुश्किल से पढ़ाया लिखाया है. हम बहुत ही गरीब परिवार से हैं. पढाई में अव्वल रहने पर बेटे को गोल्ड मेडल मिला है, इसकी हमें बहुत खुशी है.
उन्होंने कहा कि गरीब परिवार में होने के बाद भी हमें न तो बीपीएल की सूची में शामिल किया गया और न ही सरकार से किसी तरह की कोई सहायता मिली. हमने अपने दम पर लड़के की इंजीनियरिंग की पढाई करवाई है. लड़का नौकरी लग गया है, अब सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाएगा.