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लॉकडाउन से टूटी कपड़ा कारोबार की रीढ़, समर व शादी सीजन निकलने से दुकानदारों में मायूसी

अनलॉक 1.0 में बाजार खुलने के बावजूद कोरोना के डर से मार्केट में सिर्फ 20 फीसदी ग्राहक ही पहुंच रहा है. ऐसे में मार्केट पूरी तरह से खाली है. इसके चलते कपड़ा व्यापारियों को अभी भी मायूसी ही हाथ लग रही है.

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Published : Jun 10, 2020, 3:21 PM IST

Updated : Jun 11, 2020, 2:35 PM IST

loss of textile business due to corona
लॉकडाउन से टूटी कपड़ा कारोबार की रीढ़

मंडी: लॉकडाउन ने छोटी काशी मंडी के कपड़ा व्यापारियों की कमर तोड़ दी है. हालांकि अब अनलॉक 1.0 में मार्केट खुल तो गई है, लेकिन कोरोना के डर से मार्केट में सिर्फ 20 फीसदी ग्राहक ही पहुंच रहा है. ऐसे में मार्केट पूरी तरह से खाली है. इसके चलते कपड़ा व्यापारियों को अभी भी मायूसी ही हाथ लग रही है.

समर सीजन व शादी विवाह का सीजन लॉकडाउन में ही निकल गया है. ऐसे में कपड़ा व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है, जिसे रिकवर करना मुश्किल है. व्यापारियों की मानें तो साल 2020 उनके लिए चुनौती भरा ही रहेगा. लोन समेत देनदारियां लटक गई है. मंडी शहर में मुख्य रूप से भूतनाथ गली में कपड़ा व्यापारी अधिक हैं. सामान्य दिनों में यहां दिन के समय पैर रखने को भी जगह नहीं मिलती है, लेकिन इन दिनों यहां पसरा छाया हुआ है.

वीडियो.

कपड़ा व्यापारी दिनभर ग्राहकों की राह ताक रहे हैं. कपड़ा व्यापारियों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी तरह के प्रबंध भी किए हैं. थर्मल स्कैनिंग के अलावा एंट्री प्वाइंट पर सेनिटाइजर रखा गया है. कपड़ा व्यापारी राजपाल सिंह ने बताया कि हमने सोचा था कि अनलॉक 1.0 के साथ ग्राहकों की भीड़ उमड़ेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पाया.

वर्तमान में खर्चा अधिक है और आमदनी न के बराबर है. उन्होंने बताया कि इसका मुख्य कारण कोरोना संक्रमण को लेकर अधिक पैनिक होना है. लोग बाजार में आने में डर रहे हैं. राजपाल सिंह ने बताया कि पुरानी जान पहचान के लिए पांच से दस फीसदी ग्राहक ही उनकी दुकान तक पहुंच रहे हैं. गांव व बाहर से कोई नहीं पहुंच रहा है. इसके चलते कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा है.

कपड़ा दुकानदार कर्ण बीर सिंह का कहना है कि लॉकडाउन के बीच यह सोचकर मन मनाया कि जान है तो जहान है, लेकिन अनलॉक 1.0 में मार्केट में रिस्पांस बेहद कम है. उन्होंने कहा कि 15 से 20 प्रतिशत ही ग्राहक हैं. ग्राहक दुकान के अंदर आने से घबरा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस साल सिर्फ स्टाफ की सैलरी ही निकल जाए वो ही काफी है.

कपड़ा व्यापारी एसोसिएशन के प्रधान ईश्वर सिंह ने कहा कि ग्राहक शॉपिंग के लिए नहीं निकल रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले बसें नहीं चल रही थीं. अब बसें चलने के बावजूद कोरोना के डर से सवारियां नहीं है. ऐसे में बसों का संचालन बंद हो रहा है. ग्राहकों के बाजार न आने पर कारोबार कैसे चलेगा. सब सामान्य होने पर कारोबार भी सामान्य होगा.

ईश्वर सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कारोबार पूरी तरह से बंद रहा. लॉकडाउन की वजह से कस्टमर का विश्वास टूटा है. इससे व्यापार की रीढ़ की हड्डी टूट गई है. उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि स्थिति सामान्य होते ही कारोबार भी रफ्तार पकड़ेगा, लेकिन वर्तमान में कपड़ा व्यापारी ग्राहकों की कमी से मायूस हैं.

बता दें कि कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के कारण कपड़ा दुकानें करीब दो महीने तक पूरी तरह से बंद रही. कपड़ा व्यापारियों को अनलॉक 1.0 से काफी उम्मीदें थी, लेकिन ग्राहकों के बाजार न पहुंचने पर व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. अब व्यापारी वर्ग स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रहा है.

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Last Updated : Jun 11, 2020, 2:35 PM IST

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