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जोगेंद्रनगर के गड़ूही गांव की कंचन भंडारी सेना में बनी कैप्टन, माता पिता को दिया सफलता का श्रेय

जोगेंद्रनगर उपमंडल की भराड़ू पंचायत के गड़ूही गांव की बेटी कंचन भंडारी ने भारतीय सेना में कैप्टन का पद हासिल कर अपने गांव, उपमंडल और जिला और प्रदेश का नाम देश में रोशन किया है. इस उपलब्धि का श्रेय उन्होंने अपने परिजनों सहित अपने अध्यापकों को देते हुए कहा कि उनके मार्ग दर्शन से ही वे इस मुकाम तक पहुंच पाई हैं.

Kanchan Bhandari of Gadhuhi village of Jogendranagar became captain in the indian army
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Published : Sep 21, 2020, 7:47 PM IST

Updated : Oct 1, 2020, 7:13 PM IST

जोगिंद्रनगर: जिला मंडी के जोगिंद्रनगर उपमंडल की भराड़ू पंचायत के गड़ूही गांव की बेटी कंचन भंडारी ने भारतीय सेना में कैप्टन का पद हासिल कर अपने गांव, उपमंडल और जिला और प्रदेश का नाम देश में रोशन किया है.

बचपन से ही कैप्टन कंचन भंडारी अपने दादा और पिता को सेना की वर्दी में देख उत्साहित होती थी और अपने दादा और पिता की तरह सेना में भर्ती हो कर देश की सेवा करने का जज्बा संजोए हुए थी. जिसे उसने कड़ी मेहनत कर इस मुकाम को हासिल कर लिया.

कंचन भंडारी की प्राथमिक शिक्षा भराड़ू गांव में ही हुई, उसके बाद उच्च शिक्षा उन्होंने धर्मशाला से हासिल की और उसके बाद वह सेना में भर्ती हो गई और कड़ी मेहनत के बावजूद उन्होंने यह मुकाम हासिल कर लिया.

इन दिनों वह पालमपुर सेना मुख्यालय में अपनी सेवाएं दे रही हैं. उन्होंने बताया कि उनके दादा स्वर्गीय मेघसिंह ने सेना में रह कर देश की सेवा की. कंचन भंडारी के पिता रवि सिंह भी सेना में रह कर देश की सेवा करते रहे और इन दिनों वे प्रदेश पुलिस में रह कर प्रदेश वासियों की सेवा कर रहे हैं.

उनकी माता कृष्णा देवी गृहणी हैं और दादी विद्या देवी भी परिवार में हैं. भराड़ू पंचायत की प्रधान सुमिता देवी, गांव के शिवचंद ठाकुर, नरेंद्र ठाकुर, दादी विद्या देवी, रमेश पालसरा, जोगिंद्र बडवाल सहित सभी ने गांव की बेटी कंचन भंडारी के कैप्टन बनने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वह बड़ी ही होनहार लड़की है और अपने दादा पिता को देखते हुए ही बड़ी हुई हैं. जब भी उससे पूछा जाता था तो वह एक दम बोलती थी कि मैं भी अपने दादा और पिता की तरह ही सेना में रह कर देश की सेवा करूंगी.

इस उपलब्धि का श्रेय उन्होंने अपने परिजनों सहित अपने अध्यापकों को देते हुए कहा कि उनके मार्ग दर्शन से ही वे इस मुकाम तक पहुंच पाई हैं.

Last Updated : Oct 1, 2020, 7:13 PM IST

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