मंडी: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के शोधकर्ताओं ने लक्ष्मणरेखा ऐप को अपग्रेड किया है. लक्ष्मणरेखा ऐप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए बायोमेट्रिक सुविधा वाली होम क्वारंटाइन मैनेजमेंट एप्लीकेशन (एचक्यूएमए) है, जो खास कर कोरोना मरीजों की सुरक्षा के लिए बनाई गई है.
एप्लीकेशन बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, जियोफेंसिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तालमेल से क्वारंटाइन में मरीज पर लगातार निगरानी रखने और सटीक पहचान करने में सक्षम है. क्वारंटाइन मैनेजमेंट के अलावा यह एप्लीकेशन कर्फ्यू या किसी राष्ट्रीय आपदा के दौरान सामान्य (गैर-कोविड) मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए एक ऐसे मोबाइल फोन प्लेटफॉर्म का काम करेगा जिससे उल्लंघन करने वालों या कानून तोड़ने वालों की पहचान हो जाएगी.
ऐप के फंक्शन, स्केलेबलीटी और उपयोगिता बढ़ाने पर हो रहा काम
लक्ष्मणरेखा ऐप के बारे में जानकारी देते हुए आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आदित्य निगम ने कहा किे लक्ष्मणरेखा मोबाइल एप्लीकेशन का पायलट वर्जन बनाया है और इसका छोटे डेटासेट पर परीक्षण किया है. इसके बहुत अच्छे परिणाम मिले हैं और अब हम इसके फंक्शन, ‘स्केलेबलीटी’ और उपयोगिता बढ़ाने पर काम कर रहे हैं ताकि इसे व्यवहार में लाया जा सके.
वर्तमान में उपलब्ध क्वारंटाइन मैनेजमेंट मोबाइल एप्लीकेशन के तहत सेल्फ-आइसोलेशन में लोगों को जीयोफेंसिंग के जरिए नियमित रूप से अपनी तात्कालिक स्थिति शेयर करना होता है या उन्हें हर घंटे या दिन में दस बार चेहरे की सेल्फी को अपलोड करना होता है, लेकिन ये जियोफेंसिंग एप्लीकेशन हर समय उपयोगकर्ता की पहचान सुनिश्चित नहीं कर पाते हैं क्योंकि लोग सेल फोन आइसोलेशन जोन में छोड़ कर अंदर-बाहर कर सकते हैं, जो सेल्फ-आइसोलेशन के नियमों का उल्लंघन है.
इन फीचर्स पर हो रहा है काम