मंडी: जिला में बागवानी गतिविधियों को नई गति देने के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है. इसी कड़ी में उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के तहत जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक ली. बैठक में जिला में बागवानी की मौजूदा स्थिति में व्यापक सुधार और मजबूती के लिए लिए करीब पौने चार करोड़ रुपये की वार्षिक कार्य योजना का अनुमोदन किया गया.
बैठक में ऋग्वेद ठाकुर ने बागवानी पैदावार बढ़ाने और बागवानी को मुनाफे का सौदा बनाने के लिए सभी पहलुओं पर ध्यान देने को कहा. उन्होंने कहा कि फलों के उत्पादन में वृद्धि के लिए बागवानों को क्लोनल रूट स्टॉक और फलदार पौधों की उन्नत किस्मों का प्लांटिंग मटेरियल प्रदान करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है.
बगीचों की होगी सोलर बाड़बंदी
उपायुक्त ने कहा कि बागवानी विकास परियोजना के तहत जिला के लिए वर्ष 2019-20 के दौरान 3 करोड़ 73 लाख 23 हजार रुपये के बजट का अनुमोदन किया गया है. यह धनराशि विभागीय बगीचों की सोलर बाड़बंदी, सिंचाई टैंक निर्माण, उन्नत किस्मों का पौधारोपण सूक्ष्म सिंचाई एवं फर्टिगेशन प्रणाली के विकास, कौशल निर्माण सहित अन्य संबंधित गतिविधियों पर खर्च की जाएगी. बता दें कि हिमाचल सरकार ने प्रदेश में 1134 करोड़ रुपये की बागवानी विकास परियोजना शुरू की है.
बागवानी गतिविधियों को मिलेगी नई गति बांटे जा चुके हैं 22 हजार क्लोनल रूट स्टॉक पौधे
बैठक में बागवानी विभाग के उपनिदेशक अमर प्रकाश कपूर ने परियोजना के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिला के लिए सेब के क्लोनल रूट स्टॉक पौधे विदेश से लाए गए हैं. इनसे सेब उत्पादन में तीन से चार गुणा बढ़ोतरी की जा सकती है. जिला में सेब के 22 हजार क्लोनल रूट स्टॉक पौधे बांटे जा चुके हैं. जिससे जिला के बागवान काफी खुश हैं.
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