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लोगों को लग रहा है चूना: 'सिलेंडर की कीमत 1193.35 तो उपभोक्ताओं से क्यों वसूले जा रहे 1195 रुपये?'

करसोग में बुधवार को कई पंचायतों में गैस सिलेंडर की गाड़ी भेजी गई थी. जिसके तहत मैहरन पंचायत में कई ग्रामीणों ने सिलेंडर रिफिल किए. जिसकी कीमत लेबर चार्ज को मिलाकर 1193.35 रुपए निर्धारित की गई थी. लेकिन रिफिल के वक्त उपभोक्ताओं से 1195 रुपए सिलेंडर वसूले गए. ग्रामीणों ने बाकी के पैसे वापस मांगे तो उन्हें छूटे पैसे न होने हवाला दिया गया. प्रदेश में कई सालों से 25 और 50 पैसे के सिक्के चलन से ही बाहर हो गए हैं. ऐसे में सवाल है कि गैस सिलेंडर की कीमत क्यों नहीं राउंड फिगर में 1193 या 1194 रुपए तय की गई.

High price of gas cylinder was charged in Karsog
गैस सिलेंडर की रसीद दिखाते स्थानीय लोग.

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Published : Mar 8, 2023, 7:46 PM IST

करसोग: हिमाचल में जिला मंडी के तहत करसोग में घरेलू गैस सिलेंडरों में चंद पैसों की कीमत जोड़े जाने से हजारों उपभोक्ताओं को हर महीने लाखों का चूना लग रहा है. यहां मार्च महीने में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 1193.35 रुपए निर्धारित की गई है वहीं, सिलेंडर की डिलीवरी के वक्त उपभोक्ताओं से प्रति सिलेंडर 1195 रुपए वसूले गए. ऐसे में करसोग में स्थित हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम की गैस एजेंसी द्वारा प्रति सिलेंडर वसूले जा रहे अधिक पैसे आखिर किसकी जेब में जा रहे है. यह एक बड़ा सवाल है। जोकि जांच का विषय है.

प्रति सिलेंडर वसूले गए 1.65 रुपए अधिक: करसोग में बुधवार को चुराग, कांडी सपनोट, मैहरन व घैनी शैंधल सहित कई पंचायतों में गैस सिलेंडर की गाड़ी भेजी गई थी. जिसके तहत मैहरन पंचायत में कई ग्रामीणों ने सिलेंडर रिफिल किए. जिसकी कीमत लेबर चार्ज को मिलाकर 1193.35 रुपए निर्धारित की गई थी. लेकिन रिफिल के वक्त उपभोक्ताओं से 1195 रुपए सिलेंडर वसूले गए. ग्रामीणों ने बाकी के पैसे वापस मांगे तो उन्हें छूटे पैसे न होने हवाला दिया गया.

गैस सिलेंडर की रसीद.

25 और 50 पैसे चलन से बाहर फिर कीमत पैसों में क्यों: प्रदेश में कई सालों से 25 और 50 पैसे के सिक्के चलन से ही बाहर हो गए हैं. ऐसे में सवाल है कि गैस सिलेंडर की कीमत क्यों नहीं राउंड फिगर में 1193 या 1194 रुपए तय की गई. इससे कम से कम लेन और देन का पूरा रिकॉर्ड कागजों में तो रहता, लेकिन इसके बाद भी गैस सिलेंडर की कीमत तय करते वक्त रुपये के आगे चंद पैसे भी जोड़े जा रहे हैं. ऐसे में बाकी के बचे छूटे पैसे उपभोक्ताओं को वापस नहीं लौटाए जाते हैं. इस तरह से न तो ये पैसे उपभोक्ताओं को वापस मिलते हैं और न ही सरकार के खाते में जमा हो रहे हैं. सवाल है कि ये पैसे आखिर किसकी जेब में जा रहे हैं.

गैस सिलेंडर की रसीद दिखाते स्थानीय लोग.

प्रदेश भर में हर महीने उपभोक्ताओं को लग रहा लाखों का चूना: भले ही एक गैस सिलेंडर की कीमत में मामला चंद पैसों का हो, लेकिन प्रदेशभर में एलपीजी के करीब 25 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं. ऐसे में अगर एक सिलेंडर सिलेंडर पर चंद पैसे अधिक वसूले जाने से हर महीने लाखों का चूना लग रहा है. भारत भारद्वाज का कहना है कि सिलेंडर की रिफिल के समय छूटे पैसे वापस नहीं लौटाए जा रहे हैं. उन्होंने कि 8 मार्च को सिलेंडर रिफिल कराया. जिसकी कीमत 1193.35 रुपए तय की गई थी, लेकिन सभी लोगों से इसकी जगह 1195 रुपए वसूले गए. जिसका कागजों को कोई रिकॉर्ड ही नहीं है.

जिला मंडी के एफएसओ पवन कुमार का कहना है कि उपभोक्ताओं से अब राउंड फिगर में पैसे वसूले जाएंगे. कीमत पैसों में 50 पैसे से कम है तो रुपये में इससे पिछला अमाउंट वसूला जाएगा. इसी तरह से अगर कीमत 50 पैसे से ऊपर है तो रुपए में अगला अमाउंट वसूला जाएगा. इस बारे में तुरंत प्रभाव से जरूरी दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक उपभोक्ताओं से अधिक वसूली की शिकायत मिली है. इस बारे में रिपोर्ट मांगी जा रही है.

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