सराज: जिस जंगली गुच्छी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाने हैं, उस गुच्छी का आजकल मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र के जिला स्तरीय कुथाह मेले में अच्छा व्यापार किया जा रहा है. गुच्छी जिसे पहाड़ी भाषा में डुंघरू भी कहा जाता है, उसका सराज के जिला स्तरीय कुथाह मेले में जमकर व्यापार किया जा रहा है. चार से पांच गुच्छि व्यापारी मेले के खत्म होने के बाबजूद भी देवदार के पेड़ों के नीचे बैठकर ग्रामीणों से गुच्छी खरीद रहे हैं. बताया जा रहा है कि इसी कुथाह मेले में 600 से 700 किलो गुच्छी का व्यापार किया जा चुका है. इसके अलावा कुछ व्यापारी घर-घर, गांव-गांव जाकर भी गुच्छी की खरीददारी कर चुके हैं.
जगलों में पाई जाती है गुच्छी: औषधीय गुणों से भरपूर गुच्छी स्वाद में भी बेजोड़ होती है. ये हिमाचल के जंगलों में पाई जाती ह. माना जाता है कि ये सबसे महंगी सब्जियों में सबसे अव्वल नंबर आती है. 10 से 30 हजार प्रतिकिलो की दर गुच्छी की बिक्री होती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुच्छी के गुणों के कायल हैं. गुच्छी जिसे जंगली मशरूम भी कहा जाता है, औषधीय गुणों से भरपूर होती है. इसका औषधीय नाम मार्कुला एस्क्यूपलेटा है. यह स्पंज मशरूम के नाम से देश भर में मशहूर है. यह गुच्छी स्वाद में बेजोड़ और कई औषधियों गुणों से भरपूर हैं. स्थानीय भाषा में इसे छतरी, टटमोर और पहाड़ी भाषा में डुंघरू कहा जाता है.
क्या है गुच्छी: गुच्छी को एक प्रकार का पहाड़ी या हिमाचली मशरूम कहा कहा जाता है. गुच्छी सिर्फ पहाड़ी इलाकों के जंगलों में पाई जाती है. जंगलों में भी गुच्छी घास और झाड़ियों के बीच ठंडी जगहों में ही पाई जाती है. बारिश के दिनों में जब आसमानी बिजली चमकती है तो कुदरती रूप से गुच्छी उगती है. इसका कोई बीच नहीं होता है. गुच्छी सेहत की दृष्टि से बेहद लाभदायक होती है और औषधीय गुणों से भरपूर होती है.
हिमाचल की इन जगहों में होती है गुच्छी: गुच्छी मंडी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ सभी ऊंची चोटीयों और चंबा, कुल्लू, शिमला, मनाली सहित प्रदेश के कई जिलों के जंगलों में पाई जाती हैं. आज के दौर में अधिकतर लोग गुच्छी के गुणों से अनजान हैं. इसलिए इसका पूरा फायदा नहीं उठाया जा रहा है. गुच्छी ऊंचे पहाड़ी इलाके के घने जंगलों में कुदरती रूप से पाई जाती है. जंगलों के अंधाधुंध कटान के कारण यह अब काफी कम मात्रा में मिलती है. यह सबसे महंगी सब्जी है. इसका सेवन सब्जी के रूप में किया जाता है. हिमाचल से बड़े होटलों में ही इसकी सप्लाई होती है.
प्रधानमंत्री मोदी की सेहत का राज है गुच्छी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने एक बार कुछ पत्रकारों को बताया था कि उनकी सेहत का राज हिमाचल प्रदेश का मशरूम है. प्रधानमंत्री इसे बहुत पसंद करते हैं. दरअसल पीएम मोदी एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में लंबे समय तक हिमाचल में रह चुके हैं, यहां उनके कई मित्र हैं. पीएम मोदी को ये खास मशरूम इसलिए भी पसंद है, क्योंकि पहाड़ों पर शाकाहारी लोगों को काफी प्रोटीन और गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थों की जरूरत होती है. वैसे तो पीएम मोदी रोज इसका सेवन नहीं करते हैं, लेकिन उन्होंने कहा है कि गुच्छी उन्हें काफी पसंद है. इसमें बी कॉम्प्लेक्स विटामिन, विटामिन डी और कुछ जरूरी एमीनो एसिड पाए जाते हैं. इसे लगातार खाने से दिल का दौरा पड़ने की संभावनाएं बहुत ही कम हो जाती हैं. इसकी मांग सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि यूरोप, अमेरिका, फ्रांस, इटली और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में भी है.
10 से 30 हजार रुपये किलो बिकती है गुच्छी: 30 हजार रुपये प्रति किलो बिकने वाली गुच्छी को स्पंज मशरूम भी कहा जाता है. यह सब्जी हिमाचल, कश्मीर और हिमालय के ऊंचे पर्वतीय इलाकों में ही होती है. यह गुच्छी बर्फ पिघलने के कुछ दिन बाद ही उगती है. इस सब्जी का उत्पादन पहाड़ों पर बिजली की गड़गड़ाहट और चमक से निकलने वाली बर्फ से होता है. प्राकृतिक रूप से जंगलों में उगने वाली गुच्छी शिमला जिले के लगभग सभी जंगलों में फरवरी से लेकर अप्रैल माह के बीच तक ही मिलती है.