मंडी: देश भर में इन दिनों लॉकडाउन के चलते महामारी से बचने के लिए लोग अपने घरों तक सीमित हो गए हैं. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर कोई विपरित असर न पड़े. इसके लिए शिक्षकों ने भी तकनीक का सहारा लेकर काम करना शुरू कर दिया है. मंडी जिला के एक सरकारी शिक्षक ने लॉकडाउन के इस दौर में बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने का बीड़ा उठाया है.
कोरोना वायरस से फैली महामारी के कारण पूरा देश लॉकडाउन है. ऐसे में स्कूली बच्चों की पढ़ाई पर कोई विपरित प्रभाव न पड़े. इसके लिए मंडी जिला के एक सरकारी शिक्षक ने नई पहल की है. सरकाघाट शहर निवासी शिक्षक विजय कुमार ने यूट्यूब चैनल बनाकर बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने का काम शुरू किया है. विजय कुमार इन दिनों हमीरपुर जिला के सीनियर सेकेंडरी स्कूल चम्बोह में बतौर बॉयोलॉजी प्रवक्ता कार्यरत हैं. इन्होंने ’’हिमाचल फ्री बॉयोलॉजी क्लॉसिस विजय कुमार कौंडल’ के नाम से अपना एक यूट्यूब चैनल बनाया है.
लॉकडाउन में बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दे रहा यह सरकारी शिक्षक
देश भर में लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन के चलते महामारी से शिक्षकों ने भी तकनीक का सहारा लेकर काम करना शुरू कर दिया है. मंडी जिला के एक सरकारी शिक्षक ने लॉक डाउन के इस दौर में बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने का बीड़ा उठाया है. इस प्रयास को हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने भी सराहा है.
इस चैनल में पढ़ाई के वीडियो अपलोड़ करके बच्चों को घर पर पढ़ाई करने का मौका दे रहे हैं. वहीं, विजय कुमार ने बच्चों की सहूलियत के लिए अपना मोबाइल नंबर भी जारी किया है,जिससे बच्चों के सवालों के जबाव वह डायरेक्ट फोन पर दे सके. विजय कुमार ने बताया कि उनके इस प्रयास को हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने भी सराहा है और ’स्वयं सिद्धम’ कार्यक्रम के तहत आरएमएसए की वेबसाइट पर भी इन वीडियो को अपलोड़ किया गया है. बच्चे उस वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन स्टडी भी कर सकते हैं.
विजय कुमार ने प्रदेश के बाकी शिक्षकों से भी विपदा की इस घड़ी में बच्चों की पढ़ाई के लिए आगे आने का आहवान किया है. विजय कुमार का कहना है कि सरकार शिक्षकों को इसी बात के लिए वेतन देती है ताकि हम बच्चों को सही ढंग से शिक्षित कर सकें. इस समय बच्चों को घर पर बेकार नहीं बैठाकर उन्हें पढ़ाने से बेहतर कल की उम्मीद भी कर सकते हैं.
विजय कुमार ने निस्वार्थ भाव से शिक्षा के काम को इस दौर में जारी रखने की पहल काबिल-ए-तारीफ है. समाज के बहुत से लोग इस दौर में अपना योगदान किसी न किसी रूप में दे रहे हैं. उम्मीद की जानी चाहिए कि ऐसे लोगों से बाकी भी प्रेरणा लेकर समाज के प्रति अपने कर्तव्यों और दायित्वों का निर्वहन करेंगे.
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