मंडीः पहले ही सूखे ने किसानों की कमर तोड़ दी है, अब रही सही कसर बीन के मंडी में कम रेट बिकने ने पूरी कर दी है. ऐसे में अब किसानों की लागत का पैसा पूरा होना मुश्किल है. मोदी सरकार द्वारा किसानों की आय को दुगनी करने के दावे की बीच किसान किस्मत के हाथ कठपुतली बन गया है. पहले ही लंबे सूखे की मार झेल रहे किसानों की बीन इन दिनों सब्जी मंडी में कम रेट पर बिक रही है.
ऐसे में किसानों की लागत का पैसा पूरा होना भी मुश्किल है. करसोग में गर्मियों के सीजन का बीन तैयार होने के बाद चुराग स्थित सब्जी मंडी में बिकने के लिए आ रहा है, लेकिन यहां बीन उम्मीद से काफी कम रेट पर बिकने से किसान निराश है.
शनिवार को करसोग के कई क्षेत्रों से मंडी आए अच्छे बीन की बोली 38 रुपये प्रति किलो पर बंद हो गई. ऐसे में किसान के सामने बीज और मेहनत के पैसे पूरे करने का संकट पैदा हो गया है. कांडा गांव से बीन लेकर पहुंचे परमानन्द का कहना है कि इन दिनों बीन के रेट 60 से 65 रुपये किलो मिलने चाहिए थे, लेकिन मंडी में रेट कम है. उनका मानना है कि जिस हिसाब से मंडी में माल आना चाहिए उस हिसाब से वो भी सूखे के कारण नहीं पहुंच पा रहा है. उनका कहना है कि इस तरह से किसान बहुत बुरी तरह घाटे में जाएंगे.