करसोग: कोरोना संक्रमण के बुरे हालात के बावजूद महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ग्रामीणों के लिए रोजागर का सहारा बना हुआ है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए जारी कोरोना कर्फ्यू में भी लोगों ने मनरेगा के तहत रोजगार हासिल किया है.
करसोग बीडीओ कार्यालय ने भी घर-द्वार पर रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए मस्टर रोल जारी करने में अहम भूमिका निभाई है. जिसका नतीजा यह है कि 1 अप्रैल से 5 जून तक मनरेगा में कुल 1,46,346 कार्य दिवस सृजित हुए हैं. जो प्रदेश भर के सभी ब्लॉकों में अधिक है. इस तरह चालू वित्त वर्ष में करसोग ब्लॉक अभी टॉप पर रहा है.
महिलाओं की भागीदारी 53.91 फीसदी
विकासखंड करसोग की विभिन्न पंचायतों में 66 दिनों के अंतराल में करीब डेढ़ लाख कार्य दिवस सृजित हुए हैं, इसमें नारी शक्ति की भागीदारी 53.91 फीसदी रही. जो पुरुषों के मुकाबले में 3.91 फीसदी अधिक है. इस अवधि में विकासखंड करसोग ने 7,045 परिवारों को रोजगार दिया है. ऐसे में मनरेगा के तहत श्रमिकों के बैंक खातों में 3 करोड़ 70 हजार की राशि डाली गई है.
करसोग का प्रदर्शन सराहनीय
चालू वित्त वर्ष में 2,902 कार्य प्रगति पर है, जबकि इस अवधि में 16 कार्य पूरे किए जा चुके हैं. पिछले वित्त वर्ष के आंकड़े को देखें तो विकासखंड में मनरेगा के तहत 6,23,254 कार्य दिवस सृजित किए गए थे. जिसमें कुल 14,201 परिवारों को रोजगार दिया गया था. प्राकृतिक संसाधन के प्रबंधन में बेहतर वित्त वर्ष 2021-22 में प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन से जुड़े कार्यों में भी करसोग का प्रदर्शन सराहनीय रहा है.
73.24 फीसदी कार्य पूर्ण
उपमंडल की विभिन्न पंचायत में प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन से जुड़े 73.24 फीसदी कार्य पूरे हुए हैं, जबकि हिमाचल का प्रदर्शन 59.95 फीसदी रहा है. ऐसे में प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन से जुड़े कार्य में करसोग का प्रदर्शन हिमाचल से 13.29 फीसदी अधिक रहा है. जो करसोग विकासखंड के लिए गर्व का विषय है.
फील्ड अधिकारियों को दिए निर्देश
बीडीओ भवनेश चड्डा का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत अब तक 1.46 लाख से अधिक कार्य दिवस सृजित किए जा चुके हैं. जो प्रदेश पर में सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ग्रामीणों को डिमांड करने पर तुरंत प्रभाव से रोजगार उपलब्ध करवाया जाए. ताकि कोरोना के इस कठिन दौर में लोगों को आर्थिक तंगी की समस्या से न जूझना पड़े.
ये भी पढ़ें:हिमाचल में पहली बार देखा गया था 15 फीट का 'किंग कोबरा', अब सामने आया वीडियो