मंडी: शहीद, सेवारत, पूर्व सैनिकों एवं युद्ध में विकलांग सैनिकों के प्रति सम्मान एवं कृतज्ञता प्रदर्शित करने और सैनिकों के आश्रितों के लिए चलाई जाने वाली विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के निहित धनराशि एकत्रित करने के लिए प्रतिवर्ष 7 दिसबंर को सशस्त्र झंडा दिवस मनाया जाता है.
इस वर्ष पूरे दिसबंर माह को गौरव माह के रूप में मनाया जा रहा है. सशस्त्र सेना झंडा दिवस या झंडा दिवस भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के कल्याण के लिए देश की जनता से धन-संग्रह के प्रति समर्पित एक दिन है. यह दिवस 1949 से 7 दिसबंर को भारत में प्रतिवर्ष मनाया जाता है.
मंडी जिला मे झंडा दिवस के उपलक्ष्य पर जिला सैनिक बोर्ड के उपनिदेशक की ओर से जिला राजस्व अधिकारी राजीव सांख्यान ने उपायुक्त को प्रतीक झंडा लगाया. उपायुक्त एवं जिला सैनिक बोर्ड मंडी के अध्यक्ष ऋग्वेद ठाकुर ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस की बधाई देते हुए जिलावासियों से सैनिक कल्याण कार्यों में यथासंभव योगदान देने का आग्रह किया है.
उन्होंने कहा कि झण्डा दिवस सेना के प्रति हम सभी के सम्मान का प्रतीक है. झण्डा दिवस हमें एक आदर्श अवसर प्रदान करता है, जिससे हम उदारतापूर्वक दान देकर सशस्त्र सेना प्रति कृतज्ञता प्रकट कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि एकत्रित धन राशि प्रदेश सरकार के सैनिक कल्याण विभाग के माध्यम से युद्ध वीरांगनाओं, सैनिकों की विधवाओं, भूतपूर्व सैनिक, युद्ध में अपंग हुए सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण पर व्यय की जाती है.
आपको बता दें कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर हुए धन संग्रह के तीन मुख्य उद्देश्य है पहला युद्ध के समय हुई जनहानि में सहयोग, दूसरा सेना में कार्यरत कर्मियों और उनके परिवार के कल्याण और सहयोग के लिए तथा तीसरा, सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवार के कल्याण के लिए. इस दिन धन-संग्रह सशस्त्र सेना के प्रतीक चिन्ह झंडे को बांट कर किया जाता है. इस झंडे में तीन रंग (लाल, गहरा नीला और हल्का नीला) तीनों सेनाओं को प्रदर्शित करते है