लाहौल स्पीति: जिला लाहौल स्पीति की स्पीति घाटी के रंगरीक गांव में दाचंग उत्सव (Dachang festival in Rangrik village) बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इसी के साथ घाटी में स्नो फेस्टिवल (Snow festival starts in Lahaul Spiti) का आगाज भी हुआ. दाचंग उत्सव में नायब तहसीलदार प्रेम चंद ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. दाचंग उत्सव हर साल स्पिति के हर गांव में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इसमें 15 साल से लेकर 60 वर्ष की आयु के लड़के और पुरुष ही हिस्सा लेते हैं.
इस परम्परा में पूरे गांव के एक लोग एक जगह एकत्रित होते हैं और जो लड़का 15 वर्ष की आयु इस मौके पर पूरी करता है, वह दाचंग में तीरदांजी का मुखिया होता है. इसके लिए शर्त यह है कि उसके माता-पिता जीवित होने चाहिए. सारे गांव के 15 से 60 वर्ष के पुरुष मुखिया के पीछे चलते हैं और उस स्थल पर पहुंचते हैं, जहां पर बर्फ से बना स्नो मेन होता है. वहां पहुंचकर सभी स्नो मेन पर तीर छोड़ते हैं. इसके साथ ही मशाल भी जलाई होती है.
दाचंग के पीछे मान्यता यह है कि यहां पर भारी बर्फबारी होती रहे और आने वाली फसल काफी अच्छी रहे. इसी खुशी में लोग सामूहिक लोक नृत्य करते हैं. रंगरीक में हुए दाचंग में 15 साल के नोरबू तीरदांजी के मुखिया थे. हाल ही में 15 वर्ष के नोरबू हुए हैं. इस मौके पर टशी नृत्य महिलाओं ने पेश किया और पुरुषों ने खर नृत्य पेश किया. फेस्टिवल में लोगों ने जमकर लोक नृत्य पेश किए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नायब तहसीलदार प्रेम चंद ने कहा कि स्नो फेस्टिवल का आयोजन पिछले वर्ष भी काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है.