कुल्लूः जिला लाहौल स्पीति के गांव रापे के रहने वाले महेंद्र ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया है. एनएसजी ब्लैक कैट एवरेस्ट की एक्सपीडिशन टीम के 12 सदस्यों में लाहौल स्पीति के महेंद्र भी शामिल रहे. एनएसजी की टीम को महानिदेशक सुदीप लखटकिया द्वारा 30 मार्च को तिरंगा देकर रवाना किया गया था.
टीम की एवरेस्ट पर विजय के बाद महेंद्र के गांव रापे में भी खुशी का माहौल है. टीम जून माह के पहले सप्ताह में वापस भारत आएगी. गौर रहे कि रापे गांव के रहने वाले महेंद्र का जन्म 1986 में हुआ. वर्तमान में महेंद्र की पोस्टिंग डेपुटेशन पर एनएसजी में है.
लाहौल के महेंद्र ने माउंट एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा महेंद्र ने अपने अभिभावकों को फोन पर जानकारी दी कि एवरेस्ट के हिलेरी पॉइंट में रास्ता संकरा होने के कारण लोगों को शिखर तक पहुंचने के लिए रास्तों में घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है. ऊंचाई पर वायु का दबाव कम होने के कारण ऑक्सीजन की कमी रहती है और पर्वतारोहियों को भी सांस से जुड़ी परेशानियां होने लगती है. महेंद्र ने बताया कि एवरेस्ट की ऊंचाई पर ऑक्सीजन मास्क ने भी काम करना बंद कर दिया था. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और एवरेस्ट शिखर पर भारत का झंडा लहराया है.
लाहौल के महेंद्र की पोस्टिंग डेपुटेशन पर एनएसजी में है दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट फतह करने वाले महेंद्र ने युवाओं से अपील रखी कि वे नशे से दूर रहे. तभी उनका भविष्य उज्जवल हो सकता है. युवा ही राष्ट्र के कर्णधार हैं. नशे की लत के कारण युवा अपराध की तरफ बढ़ रहा है ऐसे में इस पर अंकुश लगना राष्ट्र व समाज के हित में है.