कुल्लू: जिला कुल्लू के पर्यटन नगरी मनाली देश के लोकप्रिय हिल स्टेशनों में एक है. गर्मियों में बर्फ से ढका हुआ 13 हजार 50 फीट ऊंचा रोहतांग दर्रा मनमोहक नजारे, हरे भरे जंगल और शांत वातावरण यहां की खासियत है. पर्यटन नगरी मनाली में माल रोड भी शाम के समय सैलानियों से भरा रहता है और मनाली के साथ लगते विभिन्न पर्यटन स्थल भी सैलानियों को खूब भाते हैं. इसके अलावा मनाली में ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग राफ्टिंग जैसी अनेक साहसिक गतिविधियां भी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती है.
सोलंग नाला:मनाली के साथ लगते सोलंग नाला में भी हर साल लाखों सैलानी घूमने का मजा उठाते हैं. सोलंग नाला में साहसिक खेलों का आयोजन किया जाता है और सैलानी यहां पर आकर पैराग्लाइडिंग, घुड़सवारी, रोपवे, माउंटेन बाइक, स्नो स्कूटर जैसी गतिविधियों का आनंद उठा सकते हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साल 2002 के दौर में सोलंग नाला में पैराग्लाइडिंग का आनंद लिया था. सोलंग नाला मनाली से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और गाड़ी के माध्यम से सैलानी यहां पर आसानी से पहुंच सकते है.
रोहतांग दर्रा:वहीं, पर्यटन नगरी मनाली आए तो सैलानी रोहतांग दर्रे का दीदार करना भी नहीं भूलते हैं. यह देश का एक ऐसा पर्यटन स्थल है जो जून में भी सैलानियों को बर्फ से रूबरू करवाता है. सर्दियों के दौरान बर्फबारी के चलते रोहतांग दर्रा बंद रहता है. लेकिन गर्मियों में यहां का नजारा सैलानियों का मंत्र मुग्ध कर देता है. पर्यटक मनाली के कोठी से होते हुए रोहतांग दर्रे पहुंच सकते हैं. हालांकि एनजीटी के निर्देशों के बाद यहां पर रोजाना 1200 पर्यटक वाहनों की जाने की अनुमति दी गई है, लेकिन उसके बाद भी सैलानी इस दर्रे के दीदार करने के लिए कई दिनों तक इंतजार भी करते हैं.
मणिकर्ण:जिला कुल्लू का मणिकर्ण इलाका पार्वती नदी के तट पर बसा हुआ है और यहां पर ऐतिहासिक राम मंदिर के साथ ऐतिहासिक गुरुद्वारा भी बना हुआ है. मणिकर्ण हिंदू व सिखों का पवित्र स्थल है और यहां पर गर्म पानी के कुंड में भी डुबकी लगाकर सैलानी अपने आप को धन्य महसूस करते हैं. मणिकर्ण में सिखों के धर्मगुरु गुरु नानक जी के द्वारा अनेकों चमत्कार किए गए. तो वही हिंदुओं की मान्यता है कि यहां पर भगवान शिव और मां पार्वती का वास है. ऐसे में मणिकर्ण भी हर साल लाखों सैलानी पहुंचते हैं. मणिकर्ण कुल्लू से करीब 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और टैक्सी तथा बस के माध्यम से सैलानी यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं.
मनाली में माता हिडिंबा का मंदिर:पर्यटन नगरी मनाली में माता हिडिंबा का एक विशेष स्थान है और यहां पर मनाली माल रोड से 3 किलोमीटर की दूरी पर माता हडिंबा का प्राचीन मंदिर भी बना हुआ है. माता हडिंबा का यह मंदिर पांडु पुत्र भीम की पत्नी हिडिम्बा को समर्पित है. यह मंदिर बाकी मंदिरों की तुलना में एकदम अलग है और इसका प्रवेश द्वार भी लकड़ी से बना हुआ है. इस मंदिर की छत एक छतरी के आकार की है.
मनु ऋषि का मंदिर:वहीं, मनाली गांव में मनु ऋषि का मंदिर भी मनु ऋषि से जुड़ा हुआ है. मान्यता है कि पृथ्वी पर जब प्रलय आई तो मनु महाराज की नाव मनाली में आकर रुकी थी. इसके साथ ही वशिष्ठ गांव में ऋषि वशिष्ठ का ऐतिहासिक मंदिर है. ऋषि वशिष्ठ ने इस गांव में तपस्या की थी और मनाली के साथ लगता यह प्राचीन मंदिर भी धार्मिक आस्था का केंद्र है. यह मंदिर शांतिप्रिय यात्रियों के लिए एकदम उचित माने जाते हैं. क्योंकि इन मंदिरों के चारों तरफ शांति का माहौल है और देवदार के लंबे-लंबे पेड़ों का जाल इस नजारे को खूबसूरत बनाता है. ऐसे में टैक्सी के माध्यम से भी सैलानी इन मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं.
अटल टनल रोहतांग:पर्यटन नगरी मनाली आने वाले सैलानी रोहतांग दर्रा के नीचे पीर पंजाल की पहाड़ियों को भेद कर बनाई गई है. मनाली आने वाले सैलानी अटल टनल रोहतांग के दीदार का मौका भी नहीं चूकते हैं. यह टनल भारतीय इंजीनियरिंग का नमूना है. 9 किलोमीटर लंबी इस टनल को पार करने में 10 मिनट का समय लगता है और पर्यटक यहां पर रुककर इसके निर्माण की विधि से भी अवगत हो सकते हैं. अटल टनल से 10 मिनट में कुल्लू की वादियों से पर्यटक लाहौल की खूबसूरत वादियों में पहुंच जाते हैं. मनाली से अटल टनल की दूरी 18 किलोमीटर है और टैक्सी व बस के माध्यम से सैलानी इस अटल टनल का भी दीदार कर सकते हैं.
नग्गर कस्बा:जिला कुल्लू की राजधानी रही नग्गर भी सैलानियों की पहली पसंद है. जिला कुल्लू आने वाले सैलानी नग्गर में जगती पट्ट व नग्गर कैसल के दीदार के लिए भी यहां का रुख करते हैं. धार्मिक पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ नग्गर रूस के चित्रकार निकोलस रोरिक से भी जुड़ा हुआ है. रोरिक आर्ट गैलरी में भी सैलानी यहां पर शानदार चित्रों के दर्शन करते हैं और ऐतिहासिक नग्गर कैसल में भी फोटोग्राफी का मजा लेते हैं. यहां पर भी सैलानी प्राचीन खान-पान के साथ-साथ शानदार सेब के बगीचों का नजारा अपने कैमरे में कैद करना नहीं भूलते हैं.