कुल्लू: जिला में स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत अब ठोस-तरल कचरा प्रबंधन पर विशेष जोर दिया जा रहा है. जिला में ठोस कचरे के सही निष्पादन विशेषकर प्लास्टिक संग्रहण के लिए पंचायत स्तर पर एक प्रभावी व्यवस्था बनाई जाएगी और पहले चरण में 40 पंचायतों को ठोस कचरा मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिला स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला परिषद अध्यक्ष रोहिणी चौधरी ने यह जानकारी दी.
रोहिणी चौधरी ने कहा कि 102 ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन का प्रोजेक्ट आरंभ किया गया था और इन पंचायतों में कुल 842 कार्य मंजूर किए गए थे. इनमें से 723 कार्य पूरी किए जा चुके हैं, जिन पर चार करोड़ रुपये से अधिक धनराशि खर्च की जा चुकी है. अब इस प्रोजेक्ट में कुछ और पंचायतें भी शामिल की जा रही हैं. इसमें प्रत्येक पंचायत को 7 से 20 लाख तक की धनराशि मिल सकती है.
रोहिणी चौधरी ने कहा कि अब हर पंचायत या कुछ पंचायतों के समूह प्लास्टिक कचरा संग्रहण केंद्र बनाए जाने चाहिए. इससे कचरे का सही निष्पादन सुनिश्चित होगा. बैठक में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन में शामिल विभिन्न ग्राम पंचायतों के संशोधित शैल्फों और कुछ नई पंचायतों के शैल्फों को भी मंजूरी प्रदान की गई. इन कार्यों को गति प्रदान करने के लिए संबंधित विकास खंड अधिकारियों को वर्क आर्डर प्रदान करने की शक्ति देने का निर्णय भी लिया गया.
इस अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन के अन्य कार्यों की भी समीक्षा की गई. मिशन के विभिन्न कार्यों का विस्तृत ब्यौरा पेश करते हुए जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी सुरजीत सिंह ठाकुर ने बताया कि जिला में कुल 167 सार्वजनिक शौचालय स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 147 का कार्य पूरा कर लिया गया है.
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