कुल्लू: जिला मुख्यालय के ब्यासा मोड़ में अग्निशमन विभाग का कार्यालय स्थापित किया गया है. शहर के बीचों बीच बनाए गए इस कार्यालय में चार अग्निशमन वाहन भी मुस्तैद रहते हैं, लेकिन कुल्लू शहर की तंग गलियां कई बार खतरनाक साबित हो जाती हैं.
अग्निशमन केंद्र के पास सिर्फ 3 वाहन
अग्निशमन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कुल्लू फायर स्टेशन में 4 गाड़ियां तैनात की गई हैं. इसमें से अधिक 9000 लीटर पानी की क्षमता वाला वाहन पिछले कुछ समय से खराब चल रहा है. इस कारण तीन गाड़ियां ही यहां जनता की सेवा में लगी हुई हैं. इनमें 7000 लीटर पानी ही आ पाता है.
तंग गलियों में नहीं घुस पाते हैं वाहन
कुल्लू शहर के 11 वार्डों में 60 हाइड्रेंट अग्निशमन विभाग ने स्थापित किए हैं जिनमें जल शक्ति विभाग के सहयोग से 24 घंटे पानी की सप्लाई रहती है, लेकिन कुल्लू शहर की तंग गलियों में कई बार अग्निशमन विभाग की गाड़ियां नहीं घुस पाती. ऐसे में आग बुझाने के लिए अग्निशमन कर्मियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
वाहन ठीक करने की अर्जी का नहीं कोई जवाब
कुल्लू शहर के सुल्तानपुर क्षेत्र की बात करें तो यह पूरा इलाका एक पहाड़ी पर स्थित है. यहां पर अग्निशमन विभाग के भारी वाहनों का पहुंचना काफी मुश्किल है. ऐसे में इस वार्ड में लगे हाइड्रेंट की मदद से ही अग्निशमन विभाग के कर्मी आग पर काबू पाने का प्रयास करते हैं. वहीं अगर हाइड्रेंट में पानी की सप्लाई सही समय पर सुचारू ना हो तो अग खतरनाक साबित हो सकता है. हालांकि कुल्लू फायर स्टेशन के द्वारा खराब पड़े वाहनों को ठीक करने के लिए अर्जी तो भेजी गई है, लेकिन अभी तक उसका कोई जवाब नहीं आ पाया है.
कुल्लू शहर में लगाए गए हैं 60 हाइड्रेंट
अग्निशमन विभाग के अधिकारी दुर्गादास का कहना है कि कुल्लू शहर में 60 हाइड्रेंट लगाए गए हैं जिनमें हमेशा पानी भरा रहता है. वहीं अभी तीन गाड़ियां ही कुल्लू फायर स्टेशन में लोगों की सुविधा के लिए तैनात हैं. पानी की फिलहाल कोई कमी नहीं है और सभी हाइड्रेंट जल शक्ति विभाग के द्वारा पानी की सप्लाई के लिए तैयार रहते हैं.
ये भी पढ़ें:गलत सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन से असमंजस में कमीशन पास अभ्यार्थी, सता रहा अपात्र घोषित होने का डर