कुल्लूःरोहतांग दर्रा बहाल न होने के चलते लाहौल घाटी के हजारों किसान कुल्लू में फस गए हैं. वहीं, घाटी में खेती का काम भी शुरू हो गया है. ऐसे में किसानों को भी अपने घर जाने की चिंता सता रही है. इन दिनों लाहौल घाटी पहुंचने के लिए मौसम भी किसानों की राह में बाधा बन रहा है. हालांकि बीते दिनों प्रदेश सरकार ने निगम की बसों के माध्यम से किसानों को लाहौल घाटी पहुंचाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन रोहतांग दर्रे पर हुई बर्फबारी के चलते वह योजना सफल नहीं हो पाई.
उसके बाद से लेकर अभी तक सरकार किसानों को घाटी पहुंचाने के लिए कोई कदम नहीं उठा पाई है. जिसके चलते कुल्लू में रह रहे हजारों किसान निराश हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि अब घाटी में खेती का काम शुरू हो गया है और अगर वह ऐसे समय पर घाटी नहीं पहुंचे तो इस साल का उनका कृषि का कार्य खासा प्रभावित होगा.
कुल्लू में फसे लाहौल घाटी के किसान सोनम का कहना है कि वह बीमारी के इलाज के लिए नवंबर माह में कुल्लू आए थे और उसके बाद उन्होंने हेलीकॉप्टर में सीट के लिए भी आवेदन किया था, लेकिन सरकार अभी तक उन्हें लाहौल घाटी नहीं पहुंचा पाई है.