कुल्लू:अटल टनल बनने से जहां लाहौल घाटी में 12 महीने आवागमन की सुविधा जनजातीय क्षेत्र के लोगों में को मिली है तो वहीं, टनल बनने के बाद भी लाहौल घाटी के लोगों का दर्द कम नहीं हो पाया है. आज भी छोटे से मर्ज के उपचार के लिए लाहौल घाटी से मरीजों को कुल्लू अस्पताल (Kullu Hospital) रेफर किया जाता है.
जिला लाहौल स्पीति के मुख्यालय केलांग स्थित अस्पताल में आज भी विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली चल रहे हैं. जिसका खामियाजा लाहौल घाटी के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. हालांकि पहले क्षेत्र के लोगों को लग रहा था कि अटल टनल (Atal Tunnel) बनने के बाद यहां के ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बदलेगी और लाहौल घाटी को भी नए विशेषज्ञ डॉक्टर मिलेंगे, लेकिन टनल बनने के बाद भी यहां पर सरकार विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती नहीं कर पाई है.
वहीं, स्वास्थ्य विभाग में तैनात एंबुलेंस चालक को भी बीते दिनों विशेषज्ञ डॉक्टर ना होने के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी थी. एंबुलेंस चालक रविंद्र सेन की मौत को लेकर परिजनों ने भी केलांग अस्पताल में जमकर हंगामा किया था तो वहीं, परिजनों को शांत करने के लिए प्रशासन को एक कमेटी भी गठित करनी पड़ी थी. जो इस पूरे मामले की 7 दिनों के भीतर रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेगी.