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क्षेत्रीय अस्पताल ढालपुर में पहली बार हुआ लेप्रोस्कोपिक ड्यूडिनल अल्सर परफोरेशन रिपेयर का ऑपरेशन - laparoscopic duodenal ulcer perforation operation

हिमाचल प्रदेश में जिला कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल ढालपुर में पहली बार लेप्रोस्कोपिक ड्यूडिनल अल्सर परफोरेशन रिपेयर ऑपरेशन किया गया है जो सफल रहा है. यह ऑपरेशन डॉ. आशीष धीमान की टीम द्वारा 18 साल के मरीज का किया गया है.

क्षेत्रीय अस्पताल ढालपुर में पहली बार लेप्रोस्कोपिक ड्यूडिनल अल्सर परफोरेशन रिपेयर ऑपरेशन
क्षेत्रीय अस्पताल ढालपुर में पहली बार लेप्रोस्कोपिक ड्यूडिनल अल्सर परफोरेशन रिपेयर ऑपरेशन

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Published : Feb 24, 2023, 4:52 PM IST

क्षेत्रीय अस्पताल ढालपुर में पहली बार हुआ लेप्रोस्कोपिक ड्यूडिनल अल्सर परफोरेशन रिपेयर का ऑपरेशन.

कुल्लू:जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के क्षेत्रीय अस्पताल में पहली बार डॉ. आशीष धीमान के द्वारा लेप्रोस्कोपिक ड्यूडिनल अल्सर परफोरेशन रिपेयर ऑपरेशन किया गया हैं. वहीं, इस ऑपरेशन के माध्यम से डॉक्टर ने आशीष धीमान व उनकी टीम ने मरीज मोहित की जान बचा ली है. मरीज मोहित कुल्लू जिले के दवाड़ा गांव का रहने वाला है और 21 फरवरी को मरीज को पेट की समस्या को लेकर क्षेत्रीय अस्पताल ढालपुर में भर्ती किया गया था.

डॉक्टर आशीष ने जब मरीज मोहित की जांच की तो पता चला कि मोहित के पेट में आंते बुरी तरह से फट चुकी हैं. ऐसे में उन्होंने अपनी टीम के साथ संपर्क किया और मरीज की हालत को देखते हुए 21 तारीख को ही उसका ऑपरेशन किया. वहीं, पहले ऑपरेशन करने के लिए मरीज के पेट में चीरा लगाया जाता था, लेकिन पहली बार दूरबीन विधि के माध्यम से ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया है. जिससे मरीज को भी काफी राहत मिली है.

डॉ. आशीष धीमान ने बताया कि जिला स्तर पर पहली बार इस तरह का ऑपरेशन किया गया है. वहीं, पहले इस तरह के ऑपरेशन के लिए मरीजों को पीजीआई या फिर आईजीएमसी के चक्कर काटने पड़ते थे. दूरबीन विधि से 2 घंटे में ऑपरेशन में मरीज की पेट में दो-तीन जगह पर छेद किए जाते हैं और उसके बाद मरीज के पेट में फटी हुई आंत को ठीक किया गया है. इससे पहले की प्रक्रिया में पेट में चीरा लगाने के कारण मरीज को असहनीय पीड़ा होती थी और उसे अस्पताल में 2 से 3 सप्ताह तक रहना पड़ता था.

लेकिन दूरबीन विधि के माध्यम से हुए ऑपरेशन में मरीज को 3 दिनों के बाद छुट्टी दे दी जाती है और उसे पीड़ा का भी अनुभव नहीं होता है. उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान उनकी टीम में डॉ. सम्राट, एनेस्थीसिया डॉ. निशिता, सिस्टर नीति, ओटीए प्रकाश भी मौजूद रहे. अब मरीज की हालत काफी बेहतर है और कुछ दिनों में उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.

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