कुल्लू:हिमाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश का कहर जारी है. वहीं,कुल्लू जिले में बीते दिनों आई बाढ़ के चलते जहां ग्रामीण जीवन अस्त व्यस्त हुआ. डेढ़ माह बीतने के बाद भी कई जगहों पर हालत सुधर नहीं पाए हैं. कुल्लू के उपमंडल बंजार, लग घाटी, मणिकर्ण घाटी और सैंज घाटी की सड़कों पर अभी भी वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है. इसके अलावा कई सड़कों पर भारी भूस्खलन हुआ है. जिसके चलते भी अभी तक सड़कें ठीक नहीं हो पाई है. ऐसे में बरसात के मौसम में किसानों और बागवानों को इसका खास खामियाजा भुगतान पड़ रहा है. वहीं, सैंज घाटी की अगर बात करे तो यहां पर 8 ऐसे पंचायत हैं, जहां सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है. ग्राम पंचायत तलाड़ा को जोड़ने वाली एकमात्र संपर्क सड़क पर पिछले डेढ़ महीना से यातायात बाधित है.
बताया जा रहा है कि जुलाई महीने में हुई भारी बारिश के चलते जहां सड़कें कई जगह बंद पड़ी है. वहीं, सपांगनी के पास शाऊगा जंगल में हो रहे भूस्खलन के चलते सड़क का 50 मीटर हिस्सा नदी में समा गया है. जिस कारण पंचायत को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क भी बंद है. जिसके कारण रोजाना किसानों, बागवानों और स्कूली बच्चों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, ग्राम पंचायत तलाड़ा ने इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर सरकार और लोक निर्माण विभाग से गुहार लगाई है कि सड़क का काम शीघ्र शुरू किया जाए ताकि आम जनता को सुविधा मिल सके.
ग्राम पंचायत के प्रधान मोहर सिंह ने बताया कि पंचायत की मांग पर ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों को लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ने आश्वासन दिया था कि बीस दिन के भीतर उस सड़क मार्ग को गाड़ियों के लिए खोल दिया जाएगा, लेकिन दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी अभी तक मशीन तो दूर विभाग का कर्मचारी भी सुध लेने नहीं आया. पंचायत प्रधान ने बताया कि वह मार्ग पिछले डेढ़ महीने से बंद है, जबकि ग्रामीणों की सब्जियां खेतों में सड़ रही है. पंचायत के सारी,धारा,खनीणी कंढा,शलैश, बाईला,टिलरा,कठाईर आदि एक दर्जन गांवों के लोग इस सड़क से रोजाना सफर करते हैं. ग्राम पंचायत ने इस सड़क के निर्माण कार्य शुरू ना होने लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को दोषी ठहराया है.