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Gupt Navratri 2023: आज से गुप्त नवरात्रि की शुरू, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

आज से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. 10 महाविद्यों के साथ साधक मां दुर्गा की अराधना कर रहे हैं. गुप्त नवरात्रि में गुप्त रूप से मां दुर्गा की पूजा करने से सुख संपत्ति और धन्य धान्य की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और इसका महात्म्य... (Ashadha Gupt Navratri 2023)

Ashadha Gupt Navratri 2023.
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2023.

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Published : Jun 18, 2023, 1:34 PM IST

Updated : Jun 19, 2023, 8:42 AM IST

कुल्लू: सनातन धर्म में जहां दुर्गा पूजा के लिए नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है तो वहीं, विशेष कृपा पाने के लिए गुप्त नवरात्रि में साधक मां दुर्गा की पूजा करते हैं. नवरात्रि पर्व जहां चैत्र मास और शारदीय माह में आयोजित किए जाते हैं तो वहीं, आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि का आयोजन किया जाता है. ऐसे में आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा तिथि को गुप्त नवरात्रि मनाई जाएगी. 19 जून को सुबह गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होगी और 9 दिन 28 जून तक साधक मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की साधना करेंगे.

गुप्त नवरात्रि 2023.

गुप्त नवरात्र की पंचांग तिथि: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा अर्चना की जाती है जो कि तंत्र-मंत्र के साधकों के लिए बेहद खास होती है. ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है. पंचांग के अनुसार 18 जून को सुबह 10:00 बजे से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो गई है और इस तिथि का समापन 19 जून को सुबह 11:25 पर होगा. इसलिए उदया तिथि के अनुसार 19 जून से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ होगा.

नवरात्रि में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त: गुप्त नवरात्रि की पूजा के लिए कलश की स्थापना का शुभ मुहूर्त 19 जून को सोमवार सुबह 5:30 से 7:27 तक है. इसके अतिरिक्त इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:55 से लेकर दोपहर 12:50 तक है. इस दोनों ही शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की जा सकती है. गुप्त नवरात्रि के दौरान साधकों को सूर्योदय से पहले उठकर, स्नान करके मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए. मां दुर्गा की पूजा के साथ ही मिट्टी के पात्र में जो के बीज भी बीजने चाहिए. इसके अतिरिक्त कलश स्थापना करने के बाद अखंड ज्योति जलाकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए. दुर्गा सप्तशती के पाठ से मां दुर्गा साधकों की सभी मनोकामना को पूर्ण करती है.

गुप्त अराधना से मिलती है गुप्त शक्तियां:आचार्य दीप कुमार ने बताया कि गुप्त चीजों को पाने के लिए नवरात्रि को सबसे ज्यादा शुभ माना गया है, क्योंकि गुप्त नवरात्रि की पूजा के बल पर ही ब्रह्म ऋषि विश्वामित्र को असीम शक्तियां मिली थी और रावण के पुत्र मेघनाथ ने भी देवराज इंद्र को हराया था. ऐसे में गुप्त रूप से साधक देवी मां की पूजा करें तो उसे सुख सौभाग्य और आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है और शत्रु भी उससे दूर रहते हैं.

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Last Updated : Jun 19, 2023, 8:42 AM IST

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