कुल्लू:देशभर में 12 नवंबर को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा. दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की भी विधि विधान के साथ पूजा की जाएगी. हालांकि बाकी दिन माता लक्ष्मी की पूजा भगवान विष्णु के साथ की जाती है, लेकिन दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा उनके दत्तक पुत्र श्री गणेश के साथ किए जाने का भी विधान है.
क्यों नहीं की जाती भगवान विष्णु के साथ पूजा:धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास में भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं. इसलिए दिवाली पर मां लक्ष्मी की के साथ भगवान विष्णु की पूजा नहीं की जाती है. भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी के दिन अपनी योग निद्रा से जागते हैं. उसके बाद ही माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की एक साथ पूजा की जाती है. दिवाली पर्व पर माता लक्ष्मी की पूजा के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए, वरना मां लक्ष्मी प्रसन्न होने के बजाय नाराज हो सकती हैं.
भूल कर न करें ये काम:आचार्य पुष्पराज ने बताया कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा में कभी भी उन्हें सफेद पुष्प और वस्त्र नहीं चढ़ाने चाहिए, क्योंकि मां लक्ष्मी का रूप सुहागन है. इस कारण उन्हें सफेद फूल और वस्त्र चढ़ाना पूजा में वर्जित है. वहीं, जिस घर में साफ सफाई रहती है, मां लक्ष्मी उसी घर में वास करती हैं. अपने घर की साफ सफाई करने के बाद भक्त मां लक्ष्मी की पूजा करें. जिस घर में साफ सफाई नहीं होती वहां से महालक्ष्मी नाराज होकर चली जाती हैं. इसके अलावा मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान उन्हें लाल फूल, लाल गुलाब का फूल चढ़ा सकते हैं. लाल फूल अर्पित करने से मां लक्ष्मी उन पर अपनी कृपा बरसती है और भक्त के जीवन में धन की कमी नहीं रहती.