कुल्लू: मई माह में हो रही बारिश और ओलावृष्टि ने कुल्लू जिला के बागवानों और किसानों की चिंताएं बढ़ा दी है. भारी बारिश के कारण बागवानों के साथ साथ फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है. वहीं, बार-बार हो रही बारिश व ओलावृष्टि के चलते बगीचों में नमी बढ़ रही है. जिससे फसलों और सेब में बीमारियां फैल सकती है.
लहसुन की फसल हुई खराब
बारिश से जिले में तैयार लहसुन की फसल खराब हो रही है. ऐसे ही अगर लगातार बारिश का दौर जारी रहता है तो लहसुन की गांठ भी फट सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि तैयार अवधि में लहसुन को खेतों से निकालना पड़ता है. ऐसे में इसकी गुणवत्ता भी बरकरार रहती है.
मौसम की मार
जिला कुल्लू में उम्दा उत्पादन के चलते करीब एक करोड़ पेटी सेब के उत्पादन का अनुमान होता है. मगर ओलावृष्टि और अंधड़ के कारण इस बार फिर यह आंकड़ा छू पाना असंभव लग रहा है.
बागवानों के अरमानों पर फिरा पानी
ओलावृष्टि का दौर जून के अंत तक ऐसे ही चलता रहता तो उत्पादन गिर सकता है. इस बार कृषि पर भी मई माह का मौसम भारी पड़ रहा है. मटर, टमाटर, लहसुन, सलाद, गोभी, जौ और गेहूं आदि को भी ओलावृष्टि और बारिश से नुकसान हो रहा है.
फसलों में बीमारियां फैलने का खतरा
घाटी के बागवानों का कहना है कि बगीचों में अत्यधिक नमी की वजह से फफूंद के पनपने की आशंका है. जिससे फसलों में कई कीटनाशक पनप उठते हैं और फसलों में बीमारियां फैल सकती है.
समय सारणी के अनुसार करना होगा छिड़काव
उद्यान विभाग के विषयवाद विशेषज्ञ उत्तम पराशर ने कहा कि बारिश से सेब का आकार और गुणवत्ता तो बेहतर होगी, लेकिन अत्यधिक बारिश के कारण कई बीमारियां भी पनप सकती हैं. उन्होंने कहा कि बागवानों को समय सारणी के अनुसार छिड़काव भी करना चाहिए.
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