कुल्लू:देश दुनिया के पर्यटकों के लिए जहां अटल टनल आकर्षण का केंद्र बनी हुई है, वहीं इससे मनाली लेह सड़क मार्ग की दूरी भी कम हुई है. सामरिक दृष्टि से भी इस टनल का काफी महत्व है और अब शनिवार को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी इस (Ram Nath Kovind Atal tunnel tour) का दीदार करेंगे. वहीं, 10 हजार फिट से भी अधिक ऊंचाई पर स्थित इस टनल को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है. वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की लिस्ट (Atal Tunnel included in World Book of Records) में इसे 10 हजार से अधिक ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग के रूप में प्रमाणित किया गया है. वहीं, बीते माह ही सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organization) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने इसके निर्माण के लिए बीआरओ की उपलब्धि के लिए पुरस्कार प्राप्त किया था.
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की लिस्ट में भी शामिल है अटल टनल, आज राष्ट्रपति करेंगे टनल का दीदार - वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड
देश दुनिया के पर्यटकों के लिए जहां अटल टनल आकर्षण का केंद्र बनी हुई (Ram Nath Kovind Atal tunnel tour) है, वहीं इससे मनाली लेह सड़क मार्ग की दूरी भी कम हुई है. सामरिक दृष्टि से भी इस टनल का काफी महत्व है और अब शनिवार को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी इस का दीदार करेंगे. पढ़ें पूरी खबर...
तीन अक्टूबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल का उद्घाटन किया था और टनल बनने से मनाली और लाहौल-स्पीति की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है. बता दें कि 10,040 फीट ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी 9.02 किलोमीटर सुरंग है. यह दुनिया की पहली टनल है जिसमें 4जी कनेक्टिविटी मुहैया करवाई गई है. टनल में हर 500 मीटर पर आपातकाल सुरंग है, जो टनल के दोनों छोरों पर (longest highway atal tunnel) निकलती है. हर 150 मीटर पर आपातकाल 4जी फोन की सुविधा है और हर 60 मीटर पर सीसीटीवी हैं.
अटल टनल रोहतांग (Atal Tunnel kullu) के दोनों छोरों पर पूरी टनल का कंट्रोल रूम है. यहां से हर किसी पर पैनी नजर रखी जाती है. अटल टनल को 10 वर्षों में मात्र 3200 करोड़ रुपये में तैयार किया गया है. टनल के निर्माण के दौरान सेरी नाला के पानी के चलते 600 मीटर पैच में चार साल का समय लग गया. वरना साल 2015 में ही टनल बनकर तैयार हो जाती. टनल के ऊपर दो किलोमीटर ऊंचा पहाड़ है, जिसके चलते टनल को हेवी सपोर्ट सिस्टम भी देना पड़ा है.