किन्नौर: जनजातीय जिले में प्रचलित सात लोक-बोलियों की विवरणिका तैयार की (popular dialects in Kinnaur)जाएगी. यह जानकारी उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने दी. उन्होनें कहा कि केन्द्रीय जनजातीय मंत्रालय एवं जनजातीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र के तत्वधान में शोधार्थी एवं लेखक टाशी नेगी इस विवरणिका को तैयार करेंगे. इससे जिले की प्रचलित लोक-बोलियों के संरक्षण एवं संवर्धन में सहायता मिलेगी.
भाषाविद् व शोधार्थियों का आकर्षण रहा:टाशी नेगी ने बताया कि किन्नौर जिले की संस्कृति व यहां प्रचलित लोक-बोलियों के प्रति भाषाविद् व शोधार्थियों का हमेशा आकर्षण रहा. सर्वप्रथम 1886 से 1927 के मध्य जार्ज ए. ग्रियर्सन द्वारा किए गए भारतीय बोलियों के सर्वेक्षण में किन्नौर में प्रचलित लोक-बोली को पहली बार चिन्हित किया गया था. इसे जार्ज ग्रियर्सन ने ‘कनावरी’ कहा है. इस अवधि और कई वर्षों तक या यूं कहें कि 21वीं शताब्दी के आ जाने के बाद भी प्रायः यही समझा जाता रहा है कि जार्ज ग्रियर्सन ने ‘कनावरी’ नाम से जिस लोक-बोली को अपने सर्वेक्षण (लिंग्विस्टिक सर्वे आफ इंडिया) में चिन्हित किया है, यही एक मात्र किन्नौर की लोक-बोली है.