धर्मशाला: रविवार को निर्वासित तिब्बती संसद के चुनाव हैं. निर्वासित तिब्बती संसद के उप-सभापति आचार्य यशी ने बताया कि आगामी लोगों के आह्वान पर वह प्रधानमंत्री पद का चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने सभी तिब्बती समुदाय के 18 वर्ष से अधिक आयु के लोग जिनके पास मतदान का अधिकार हैं, वे उस दिन अपने मताधिकार का प्रयोग करें. उन्होंने सभी लोगों से प्रजातंत्र और लोकतंत्र में सहभागिता का आह्वान किया है. इसका मुख्य कारण यह है कि धर्मगुरु दलाईलामा भी लाेकतांत्रिक व्यवस्था को अपनाने को कहते हैं.
तिब्बत आंदोलन को तेजी देने के लिए चुनाव जरूरी
आचार्य यशी ने कहा कि यह चुनाव तिब्बत आंदोलन को तेजी देने के लिए है. यह तिब्बत की एकता के लिए भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने घोषणा पत्र में मुख्य रूप से तिब्बत का संघर्ष, तिब्बती समाज में स्थिरता और मुद्रा कोष में बढ़ावा देना मुख्य बिंदु रखे हैं.
विश्व मुद्रा कोष बढ़ाना जरूरी
आचार्य यशी ने कहा कि बिना मुद्रा के कुछ नहीं चल सकता इसलिए विश्व मुद्रा कोष बढ़ाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि विश्व में 30 देशों में तिब्बतियन लोग रहते हैं. इसमें जो लोग निर्वासन में रहते हैं, उन्हें इस चुनाव में भाग लेना चाहिए. दलाई लामा से निर्वासन की शुरुआत से ही लोकतांत्रिक व्यवस्था को अपनाने को कहा है.