ज्वालामुखी: घुरकाल व जखोटा पंचायत के साथ लगते तारकोल मिक्सर प्लांट के कारण हजारों लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. तारकोल के जलने से निरवने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस दमा व सांस लेने की तकलीफ से गुजर रहे लोगों के लिए आफत बन गई है.
हालात यह हैं कि जहरीले धुएं की गिरफ्त से बचने के लिए कुछ लोगों ने अपनी खेती-बाड़ी छोड़ दी है. तो कई परिवार इन पंचायतों से पलायन करके जान बचाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं. प्रदूषण की मार झेल रहे दो पंचायतों के 3 हजार से भी अधिक लोग चिंता में हैं कि कहीं आने वाले समय में यहां कोई बीमारी ना फैल जाए.
तारकोल प्लांट के कारण न केवल लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है बल्कि कई पशु भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. तारकोल प्लांट से उठने वाली जहरीली गैस के दुष्प्रभाव को देखते हुए ग्रामीण स्थानीय प्रशासन और प्रदूषण बोर्ड से इस मिक्सर प्लांट को बंद करवाने के लिए कई बार गुहार लगा चुके हैं.
वहीं, घुरकाल और जखोटा पंचायत के लोगों ने उपायुक्त कांगड़ा व प्रदूषण बोर्ड को पत्र लिखकर समस्या का समाधान करने की मांग की है. युवक मंडल घुरकाल ने प्रशासन से कहा है कि इस प्लांट के कारण दो पंचायतों के लोग धीरे धीरे गंभीर बीमारियों की जकड़ में आते जा रहे हैं. समय रहते समस्या का समाधान नहीं किया गया तो हर घर से दमे का मरीज मिलना शुरू हो जाएगा.
घुरकाल पंचायत के उपप्रधान चरणदास चौधरी ने बताया कि इस प्लांट से हजारों लोगों को परेशानी हो रही है. वहीं, प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड के अधीक्षण अभियंता आर के नड्डा ने बताया कि लोगों की शिकायत मिली है. जल्द ही वह मौके पर जाकर स्थिति का आकलन करेंगे. अगर लोग तारकोल प्लांट की वजह से बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं तो यह चिंताजनक है, लेकिन वह अपने स्तर पर हर तथ्य की जांच करेंगे और लोगों की हर सम्भव सहायता करेंगे.
वहीं, डीएसपी ज्वालाजी तिलिक राज शांडिल ने बताया कि इस समस्या को लेकर एक शिकायत पत्र उन्हें मिला था. उन्होंने प्लांट का विजिट किया है. पुलिस के कार्यक्षेत्र की जो जांच थी उसमें प्लांट मालिक के दस्तावेज पूरे पाए गए हैं. इस मामले में मिक्सचर प्लांट के मालिक ने कहा कि जिस स्थान पर उनका प्लांट चल रहा है, उसे स्थापित करने के लिए तत्कालीन पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया था. इस तरह के प्रोजेक्ट को लगाने से पहले प्रदूषण बोर्ड से परमिशन लेनी होती है. कई तरह के दस्तावेज पूरे करने के बाद ही उन्होंने प्लांट लगाया है, फिर भी कोई कमी होगी तो उसे विभागीय दिशा निर्देशों के तहत पूरा किया जाएगा.