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खुंडिया अस्पताल के बाहर लटका मिला ताला, वायरल वीडियो ने खोली स्वास्थ्य सुविधाओं को पोल

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Published : Jul 28, 2020, 11:38 AM IST

रविवार शाम एक सड़क हादसे में 2 घायल युवकों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुंडिया अस्पताल लेकर आए, लेकिन अस्पताल के बाहर ताला लटका हुआ मिला. लोगों ने अस्पताल पर लटके ताले का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और यह वीडियो खूब तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो के माध्यम से जनता के सामने सरकार के दावों की पोल खुल गई है.

खुंडिया अस्पताल
खुंडिया अस्पताल

ज्वालामुखी/कांगड़ा: रविवार शाम कुछ लोग एक सड़क हादसे में 2 घायल युवकों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुंडिया अस्पताल लेकर आए, लेकिन अस्पताल के बाहर ताला लटका हुआ मिला. इलाज के लिए युवकों को लेकर आए लोगों ने अस्पताल पर लटके ताले का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. अब यह वीडियो खूब तेजी से वायरल हो रहा है.

लोगों का कहना है कि आपातकाल के समय भी अस्पताल में सेवाएं नहीं दी जा रही हैं तो ऐसे में अस्पताल को स्थाई तौर पर ही बंद कर दें. वहीं, वीडियो में अस्पताल के बाहर खड़ी एंबुलेंस में जब मरीज को रेफर करने की बात हुई तो उन्हें यह कहकर टाल दिया गया कि ड्राइवर मौजूद नहीं है.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि रविवार शाम खुंडिया पेट्रोल पंप से कुछ दूरी पर स्थित दो युवक बाइक पर जा रहे थे और इस दौरान वह दुर्घटना का शिकार हो गए. घायल युवक अजय कुमार उम्र 31 छिलगा निवासी व अमित कुमार उम्र 21 साल लगड़ू निवासी हैं. दोनों को सड़क हादसे में गहरी चोटें आई है. इसी बीच पालमपुर की ओर जा रहे दिनेश व राकेश ने स्थानीय लोगों की मदद से दोनों घायल युवकों को गंभीर हालत में उपचार के लिए अपनी गाड़ी से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुंडिया पहुंचाया, लेकिन अस्पताल के बाहर ताला लटका हुआ मिला.

इसके बाद दिनेश व राकेश ने दोनों युवकों को इलाज के लिए ज्वालामुखी अस्पताल पंहुचाया. हालांकि कुराली नामक स्थान पर मरीजों के लिए दोनों को एंबुलेंस मिल गई, जिसके माध्यम से युवकों को प्राथमिक उपचार के लिए ज्वालामुखी अस्पताल पहुंचाया गया. घायलों की गंभीर हालत को देखते हुए, उन्हें टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है.


अस्पताल में चल रही स्टाफ की भारी कमी
वहीं, अस्पताल में डॉक्टर, स्टाफ नर्स और क्लेरिकल के कई पद खाली पड़े हुए हैं और लंबे समय से जिन्हें भरने की मांग उठ रही है. जानकारी के अनुसार अस्पताल में 3 स्टाफ नर्स, 1 फोर्थ क्लास, 2 क्लर्क व 1 फार्मासिस्ट का पद खाली चल रहा है, लेकिन यहां के डॉक्टर क्लैरिकल काम भी खुद देख रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से पदों को न भरने को लेकर लोगों ने सवालिया निशान उठाएं है.

17 जुलाई से खराब पड़ी है एम्बुलेंस
17 जुलाई से एंबुलेंस खराब पड़ी है और आपातकाल स्तिथि में सभी केस ज्वालामुखी अस्पताल की एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाए जा रहे हैं, जबकि वायरल वीडियो में एंबुलेंस खराब होने की जगह ड्राइवर न होने की बात की जा रही है, जिस पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

क्या कहते अस्पताल के एसएमओ
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुंडिया के एसएमओ डॉक्टर अभिषेक दरोच ने कहा कि वीडियो वायरल के माध्यम से कुछ लोग अस्पताल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल में डॉक्टर इमरजेंसी में सभी मरीज को चेक करते हैं. इसके तहत अस्पताल के बाहर एक सूचना भी लगाई गई है, साथ ही उसमें सभी डॉक्टरों और स्टाफ के नंबर लिखे गए हैं. अभिषेक ने कहा कि रविवार को इमरजेंसी केस को लेकर वह काम कर रहे थे.

इन लोगों ने किसी भी डॉक्टर को संपर्क नहीं किया.उन्होंने कहा कि सभी डॉक्टर अस्पताल से कुछ ही मीटर दूरी पर रहते हैं और दिनरात मरीजों के लिए मौजूद रहते हैं. अभिषेक दरोच ने कहा कि मरीजों को बाद में ज्वालामुखी अस्पताल में जिस डॉक्टर ने देखा वह भी खुंडिया के ही थे. उन्होंने कहा कि अस्पताल में 24 घण्टे स्वास्थ्य सेवाएं नहीं है फिर भी डॉक्टर्स यहां लोगों के सम्पर्क करने पर दिन रात ड्यूटी देते हैं.

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